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जबकि उनकी मां ने गिरफ्तारी के 15 दिन बाद ही दम तोड़ दिया था. फ्रांस के इतिहास में ये केस सबसे क्रूर मामलों में शामिल है.
कई बार बच्चों की पसंद पैरेंट्स को पसंद नहीं आती. बात जब जीवनसाथी (Life Partner) चुनने की हो, तो वह बच्चों के फैसले से नाराज हो जाते हैं. कभी-कभी तो ये नाराजगी इतनी बढ़ जाती है कि वर्षों का रिश्ता पलभर में टूट जाता है. लेकिन फ्रांस (France) में रहने वाली एक महिला ने इस नाराजगी को क्रूरता के शिखर पर पहुंचाकर अपनी बेटी को प्यार करने की ऐसी सजा दी, जिसे सुनकर ही रूह कांप जाती है.
अमीर दामाद चाहती थी Mother
'मिरर' में छपी खबर के अनुसार, फ्रांस (France) के विएन में रहने वालीं ब्लैंच मोनियर (Blanche Monnier) को एक शख्स से प्यार हो गया था. जब ये बात उनकी मां मैडम मोनियर (Madame Monnier) को पता चली तो वो गुस्से से आगबबूला हो उठीं. दरअसल, मैडम मोनियर चाहती थीं कि उनकी बेटी की शादी एक अमीर खानदान में हो, लेकिन ब्लैंच का प्रेमी एक साधारण परिवार से ताल्लुख रखता था. मां ने बेटी को कई बार समझाया, लेकिन वो किसी और के साथ घर बसाने को तैयार नहीं हुई. इसके बाद मैडम मोनियर ने अपनी बेटी को जो सजा दी, उसने उन्हें इतिहास की सबसे क्रूर मां बना दिया.
Daughter की पसंद से किया इनकार
इस वारदात को हुए एक लंबा अरसा हो गया है, लेकिन इसमें आज भी लोगों के रौंगटे खड़े करने की शक्ति है. बात 1876 की है जब ब्लैंच मोनियर 25 साल की थीं. उसी समय उनकी मुलाकात एक शख्स से हुई, जिसे वो अपना दिल दे बैठीं. जब उन्होंने अपनी पसंद के बारे में मां को बताया, तो वो भड़क उठीं. उन्होंने साफ शब्दों में इस रिश्ते को अपनाने से इनकार कर दिया. ब्लैंच के पिता की मौत पहले ही हो चुकी थी, इसलिए उनकी मां चाहती थीं कि ब्लैंच की शादी एक अमीर घर में हो.
बेटी को बता दिया था पागल
बेटी ने मां की बात मानने से इनकार करते हुए कहा कि उसके लिए पैसों से पहले प्यार आता है. इसके बाद मां बहशी बन बैठी. उसने अपनी बेटी को एक कालकोठरी में बंद कर दिया. ब्लैंच मोनियर को उम्मीद थी कि मां का गुस्सा कुछ दिनों में उतर जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. दिन महीने बने और महीने साल, मगर ब्लैंच को मां की कैद से आजादी नहीं मिली. ब्लैंच को अंधेरे कमरे में भी चेन से बांधकर रखा जाता था. मां ने पड़ोसियों को कहा था कि उनकी बेटी पागल हो गई है, इसलिए उसकी चीखों पर ध्यान न दे.
Attorney General को मिला पत्र
कुछ समय के बाद पड़ोसियों को ब्लैंच मोनियर की चीखें आना भी बंद हो गईं, उन्हें लगा कि शायद वो अब इस दुनिया में नहीं है. ब्लैंच करीब पचास साल की उम्र तक ऐसे ही कालकोठरी में चेन से बंधे हुए अपनी मौत का इंतजार करती रहीं. खाने के नाम पर उन्हें बस इतना दिया जाता कि किसी तरह सांसें चलती रहें. आखिरकार 25 साल के बाद ब्लैंच मोनियर को अपनी मां की कैद से तब आजादी मिली जब पेरिस के अटॉर्नी जनरल को एक गुमनाम पत्र मिला. 23 मई 1901 को मिले इस पत्र में लिखा हुआ था कि मैडम मोनियर ने अपनी बेटी को 25 सालों से एक कालकोठरी में बंद करके रखा था. इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और जो सच सामने आया, उसने सभी को हिलाकर रख दिया.
12 साल बाद हो गई मौत
पुलिसकर्मी जब कमरे में घुसे तो उन्हें कुछ नजर नहीं आया. हर तरफ अंधेरे था, इसके बाद किसी तरह खिड़कियां खोली गईं तब पलंग के पीछे जंजीरों से बंधी के महिला नजर आई, जो ब्लैंच थीं. उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था जैसे किसी कंकाल को वहां लेटा दिया हो. ब्लैंच को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया और उनकी मां को गिरफ्तार कर लिया गया. मां की क्रूरता का शिकार बनीं ब्लैंच मोनियर अपनी आजादी के बाद करीब 12 साल तक जिंदा रहीं फिर उनकी 1913 में मौत हो गई. जबकि उनकी मां ने गिरफ्तारी के 15 दिन बाद ही दम तोड़ दिया था. फ्रांस के इतिहास में ये केस सबसे क्रूर मामलों में शामिल है.
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