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इस देश में अधिकांश जेल बन चुकी हैं आलीशान होटल, क्या आपको पता हैं कहां?

Gulabi
5 March 2021 3:35 PM GMT
इस देश में अधिकांश जेल बन चुकी हैं आलीशान होटल, क्या आपको पता हैं कहां?
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दुनियाभर में ऐसी तमाम जेल हैं, जो कैदियों से भरी हुई हैं

दुनियाभर में ऐसी तमाम जेल हैं, जो कैदियों से भरी हुई हैं। वहीं कई देशों में हालात ऐसे हैं कि जेल में कैदी बिल्कुल ना के बराबर हैं। बता दें कि अमेरिका और भारत के साथ लातीनी अमेरिकी देशों की जेलों के बारे में अक्सर ये सुनने को मिलता है कि यहां कैदियों का ओवरक्राउड हो गया है। लेकिन नीदरलैंड एक ऐसा देश बन गया है, जहां की जेलें बंद होने की कगार पर हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह....

नीदरलैंड के जेलों को बंद होने की वजह वहां का लो क्राइम-रेट है। इसके साथ ही अगर कोई कैदी जेल जाता है, तो उसे जल्दी से जल्दी बाहर निकालकर समाज से जोड़ने की मुहिम शुरू हो जाती है। इसी वजह से लगभग नीदरलैंड्स की सारी जेलें बंद हो चुकी हैं। वहीं डच देश में हुई स्टडी में यह बात सामने आई कि यहां हर 1 लाख की आबादी पर केवल 61 लोग ही अपराध करते हैं। इतना ही नहीं इन अपराधियों पर कोई गंभीर आरोप नहीं होता है।
नीदरलैंड की वर्तमान आबादी लगभग 1.73 करोड़ है। आबादी को ध्यान में रखते हुए यहां के जस्टिस विभाग ने अनुमान लगाया कि साल 2023 तक पूरे देश में कुल मिलाकर 9,810 अपराधी हो सकते हैं। बता दें कि कैदियों की ये संख्या अधिकतम मानी जा रही है।
बता दें कि एम्सटर्डम की एक जेल को 'द हेट अर्साइथिस' नाम के होटल में बदल दिया गया। इस होटल के कमरों में अब अतिथि आरामदायक तरीके से ठहरते हैं, उसमें कभी कैदी रखे जाते थे। जेल की इस पूरी बिल्डिंग को इस तरह से बदल दिया गया है, जिसकी साज-सज्जा को देखकर बिल्कुल लगता ही नहीं कि यहां कभी जेल भी होगी। कुछ इसी तरह का एक होटल हालैंड में भी है।
नीदरलैंड की जेलों में कैदियों की कम संख्या के पीछे एक वजह ये भी है कि यहां अपराध पर जेल की सजा देने की बजाए कई दूसरी सजाओं को तरजीह दी जाती है। जैसे जुर्माना भरना या सोशल वर्क से जुड़ा कोई काम। अस्पतालों या सरकारी दफ्तरों में काम करने की सजा भी अपराधियों को मिलती है। इस वजह से जेल में कैदियों की संख्या कम हो जाती है।




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