
x
मॉस्को | लगभग 18 महीने से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. रूस की राजधानी मॉस्को पर यूक्रेन लगातार ड्रोन हमला कर रहा है. रूस ने मंगलवार को दावा किया है कि यूक्रेन ने एक बार फिर मॉस्को की एक कॉमर्शियल बिल्डिंग पर ड्रोन से हमला किया है. पिछले तीन दिन में यह दूसरी बार है जब रूस पर ड्रोन अटैक हुआ है.
हालांकि, यूक्रेनी अधिकारियों ने रूस के इन आरोपों को खारिज कर दिया है. जबकि अमेरिकी अखबार 'द न्यूयार्क टाइम्स' ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि इस ड्रोन हमले में यूक्रेन निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है. जो इस हमले में यूक्रेन की भागीदारी का संकेत दे रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि रूस की हवाई सुरक्षा इतनी कमजोर है क्या? या ऐसा क्या हुआ कि यूक्रेन रूस की हवाई सुरक्षा को भेदने में सफल हो जा रहा है?
मंगलवार को यूक्रेन ने एक बार फिर सीमा से लगभग 500 किमी (310 मील) दूर रूस की राजधानी मॉस्को और उसके आसपास के क्षेत्र को निशाना बनाते हुए ड्रोन हमला किया. शहर के मेयर ने बताया कि मंगलवार को मॉस्को के एक कॉमर्शियल बिल्डिंग पर हमला हुआ. वहीं, सेना ने एक ड्रोन को मार गिराया. इससे पहले शनिवार देर रात को भी मॉस्को के एक सरकारी बिल्डिंग को निशाना बनाया गया था.
यह पहली बार नहीं है जब यूक्रेन, रूस की राजधानी मॉस्को को निशाना बना रहा है. इससे पहले मई 2023 में भी यूक्रेन ने मॉस्को पर ड्रोन अटैक किया था. रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, उस वक्त यूक्रेन ने मॉस्को पर आठ ड्रोन से अटैक किया था. जिसमें से पांच ड्रोन को मार गिराया गया था. जबकि तीन अन्य ड्रोन को जैम कर उसे दूसरी दिशा में भेज दिया गया था. यहां तक कि यूक्रेन ने 3 मई को रूसी राष्ट्रपति पुतिन के एक आधिकारिक आवास को भी निशाना बनाया था. इस ड्रोन हमले में बिल्डिंग को मामूली क्षति पहुंची थी.
'द न्यूयार्क टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, मॉस्को पर ड्रोन अटैक करने में यूक्रेनी बॉवर, यूजे-22 एयरबोर्न का इस्तेमाल किया गया है. बॉवर ड्रोन बीवर का यूक्रेनी नाम है. रिपोर्ट के मुताबिक, मई और जुलाई के बीच रूस में उड़े ड्रोन की संख्या पूरे 2022 की तुलना में दोगुनी है.
Spec Ops Magazine की एक रिपोर्ट के मुताबिक, UJ-22 एयरबोर्न यूक्रेन द्वारा डिजाइन किया गया एक हाइली वर्सिटाइल (अत्यधिक बहुमुखी ड्रोन) है. इसे स्वायत्त रूप से या दूर किसी कमांड सेंटर से कंट्रोल किया जा सकता है. यह ड्रोन 82 mm के चार मोर्टार माइन्स या चार आरपीजी-7 ग्रेनेड तक ले जा सकता है. UJ-22 एयरबोर्न लंबी दूरी के मिशनों को सटीकता से साथ अटैक कर सकता है. यह ड्रोन अधिकतम 800 किमी तक उड़ान भर सकता है. चूंकि, मॉस्को, यूक्रेन की सीमा से लगभग 600 किमी दूर है. ऐसे में यह ड्रोन मॉस्को पर हमला करने में सक्षम है.
वर्जीनिया स्थित एक अनुसंधान संगठन सेंटर फॉर नेवल एनालिसिस के विशेषज्ञ सैमुअल बेंडेट का कहना है, "यूक्रेन जिस प्रकार के ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है, वह लंबी दूरी तक हमला करने में कारगर है. यह ड्रोन पुश डिजाइन पर आधारित है, जो लंबी दूरी तक हमला करने में संभवतः अधिक कारगर है. क्योंकि इस डिजाइन में प्रोपेलर या इंजन पीछे होता है. इससे ड्रोन में लगा सेंसर कुछ भी बाधा नहीं डालता है. जिससे ड्रोन का हवा में उड़ना आसान हो जाता है. "
25 जुलाई को ही यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शिमहाल ने घोषणा की थी कि यूक्रेन ड्रोन प्रौद्योगिकी में अपने निवेश को दस गुना बढ़ाने की योजना बना रहा है. पिछले साल ड्रोन प्रौद्योगिकी के लिए बजट लगभग 108 मिलियन डॉलर था जिसे बढ़ाकर 1 बिलियन डॉलर किया जाएगा.
यूक्रेन की ओर से लगातार मॉस्को पर जारी ड्रोन अटैक को लेकर सैन्य पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोन अपेक्षाकृत कच्चे और सस्ते हैं लेकिन इनकी मारक क्षमता लगभग एक हजार किलोमीटर (620 मील से अधिक) तक हो सकती है.
सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशल स्टडीज इंटरनेशनल सिक्योरिटी प्रोग्राम के एक वरिष्ठ सलाहकार मार्क कैंसियन ने एपी न्यूज से बात करते हुए कहा, "यूक्रेनी ड्रोन मॉस्को तक हमला करने में सफल हो जा रही है, इसका एक मुख्य कारण यह है कि रूसी हवाई सुरक्षा ज्यादातर हाई सोफिस्केटेड वेपन (अधिक परिष्कृत और एडवांस हथियारों) को रोकने पर केंद्रित है.
मार्क कैंसियन ने आगे कहा, "रूसी हवाई सुरक्षा कम दूरी के ड्रोन को लेकर नहीं, बल्कि मिसाइलों, बैलिस्टिक मिसाइलों, रीजनल मिसाइलों, एयरक्राफ्ट, बमवर्षक को रोकने पर केंद्रित है. ड्रोन जमीन पर बहुत नीचे उड़ सकते हैं. इसलिए कई बार ड्रोन रूसी एयर डिफेंस की पकड़ में नहीं आता है."
उन्होंने कहा कि मॉस्को की सुरक्षा के लिए ऐसा संभव है कि रूस कुछ एयर डिफेंस सिस्टम को फ्रंटलाइन से वापस लाकर यहां तैनात कर सकता है. लेकिन रूस का यह कदम फ्रंटलाइन पर यूक्रेन के जवाबी हमले में रूसी सैनिकों को कमजोर करेगा.
थिंक टैंक चैथम हाउस (Chatham House) के निदेशक जेम्स निक्सी का मॉस्को पर हो रहे ड्रोन हमले को लेकर कहना है, "सच्चाई यह है कि रूस क्या कर सकता है, उसकी भी अपनी सीमाएं हैं. रूस के पास भी लिमिट में मैनपॉवर है. लिमिट में फाइनेंस है. लिमिट में तोपखाने और हथियार हैं. हर चीज की सीमा है. रूस पहले से ही यूक्रेन में जारी युद्ध पर अपना सारा पैसा, अपना सारा खजाना खर्च कर रहा है.
Tagsजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़छत्तीसगढ़ न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज का ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsChhattisgarh NewsHindi NewsIndia NewsKhabaron Ka SisilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaper

Harrison
Next Story