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मॉस्को कोर्ट ने खारिज की पुतिन के दुश्मन की अपील, मुश्किल में नावलनी

Gulabi
20 Feb 2021 10:55 AM GMT
मॉस्को कोर्ट ने खारिज की पुतिन के दुश्मन की अपील, मुश्किल में नावलनी
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रूस (Russia) के विपक्षी नेता एलेक्सी नावलनी (Alexei Navalny) की अपील को मॉस्को कोर्ट ने खारिज कर दिया है

Moscow Court Rejects Alexei Navalny Appeal: रूस (Russia) के विपक्षी नेता एलेक्सी नावलनी (Alexei Navalny) की अपील को मॉस्को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. नावलनी ने ये अपील अपनी जेल की सजा के खिलाफ की थी. मॉस्को सिटी कोर्ट (Moscow City Court) ने शनिवार को ये फैसला ऐसे वक्त में सुनाया है जब यूरोप की एक शीर्ष मानवाधिकार अदालत ने (European Court) रूस से नावलनी को रिहा करने का आदेश दिया था. नावलनी को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) का आलोचक कहा जाता है.


नावलनी ने मास्को सिटी कोर्ट से इस सजा (Alexei Navalny Case) को रद्द करने और उन्हें रिहा करने का अनुरोध किया था. भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले 44 साल के नावलनी को 17 जनवरी को जर्मनी से लौटने के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया था. जहर (नर्व एजेंट) दिए जाने पर गंभीर रूप से बीमार पड़ने के बाद नावलनी इलाज कराने के लिए पांच महीने जर्मनी में रहे थे. उन्होंने इस घटना के लिए रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन (Alexei Navalny Assassination Attempt) को जिम्मेदार ठहराया था.


दो साल आठ महीने कैद
रूसी अधिकारियों ने ये आरोप खारिज कर दिए थे. खुद पर लगाई गई शर्तों का जर्मनी (Alexei Navalny Poisoning) में उल्लंघन करने को लेकर इस महीने की शुरूआत में उन्हें दो साल आठ महीने कैद की सजा सुनाई गई थी. यह सजा गबन के एक मामले (Alexei Navalny Charges) में 2014 में उनकी दोषसिद्धि से जुड़ी है. इस आरोप को नावलनी ने मनगढ़ंत बताते हुए खारिज कर दिया था और यूरोपीय मानवाधिकार अदालत ने इसे गैर कानूनी करार दिया था.

रूस में भारी विरोध प्रदर्शन
जेल में बंद एलेक्सी नवलनी को रिहा करने की मांग करते हुए रूस में हजारों लोग विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतरे हुए हैं. रूसी प्रशासन इन प्रदर्शनों को दबाने की पूरी कोशिश कर रहा है. अधिकारियों ने नावलनी के सहयोगियों तक पर आरोप लगाया है कि वह नाटो के निर्देश पर काम कर रहे हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Alexei Navalny Putin) ने अपने सबसे बड़े आलोचक का नाम कभी नहीं लिया है. सरकारी समाचार एजेंसी अगर कभी नावलनी के बारे में कोई खबर देती भी है तो उसमें उन्हें 'ब्लॉगर' बताती है.


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