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जो बाइडन पदग्रहण में इराक और अफगानिस्तान से ज्यादा अमेरिकी सैनिक वाशिंगटन में रहेंगे तैनात

Deepa Sahu
19 Jan 2021 2:23 AM GMT
जो बाइडन पदग्रहण में इराक और अफगानिस्तान से ज्यादा अमेरिकी सैनिक वाशिंगटन में रहेंगे तैनात
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दो दशक से युद्ध में हिंसा प्रभावित इराक में अमेरिका के 5200 सैनिक तैनात हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: दो दशक से युद्ध में हिंसा प्रभावित इराक में अमेरिका के 5200 सैनिक तैनात हैं तो अफगानिस्तान में 2500, लेकिन इसके दोगुने सैनिक राजधानी वाशिंगटन डीसी में लगाए जा चुके हैं। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन का 20 जनवरी को पदग्रहण समारोह है। इसमें ट्रंप समर्थकों द्वारा किसी भी स्तर की हिंसा की आशंका सुरक्षा व खुफिया एजेंसी जता रही हैं।

राजधानी छावनी में तब्दील, अभी 15000 सैनिक लगाए, बुधवार तक 25000 होंगे
इस वजह से अमेरिका की राजधानी किसी सैनिक छावनी जैसी नजर आ रही है। यहां की थलसेना व वायुसेना का आरक्षित संगठन नेशनल गार्ड के अनुसार, अब तक 15000 सैनिक तैनात हो चुके हैं। बुधवार तक यह संख्या 25 हजार कर दी जाएगी। 6 जनवरी को अमेरिकी संसद इमारत कैपिटल में हुई हिंसा और मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा हमले की धमकी को देखते हुए यह तैयारियां की गई हैं।
खासतौर से कैपिटल हिल और व्हाइट हाउस के आसपास के क्षेत्र आम नागरिकों के लिए बंद हैं। यहां 8 फीट ऊंचे लोहे के बैरीकेड लगाए गए हैं। एफबीआई ने आशंका जताई है कि पद ग्रहण समारोह में भीड़ के भीतर से हमला हो सकता है।
सैनिकों कोसंदिग्धों की पहचान के लिए अलग से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहीं रविवार और सोमवार को ट्रंप समर्थकों ने कई जगह छोटे-छोटे समूह में प्रदर्शन किए। इनमें से कई हाथ में राइफलें लिए हुए थे।
अब्राहम लिंकन के पद ग्रहण जैसा तनाव
जानकारों के अनुसार, कैपिटल में बाइडन के राष्ट्रपति पदग्रहण समारोह के इतने सुरक्षा और तनाव 160 साल बाद देखे जा रहे हैं। 1861 में गृह युद्ध के बीच अब्राहिम लिंकन पद ग्रहण में सैनिकों को कोने-कोने में तैनात किया गया था। कई लोग उन्हें मारना या उनका अपहरण करना चाहते थे।
एयरबीएनबी ने वाशिंगटन में अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं। एयरबीएनबी ने बताया कमरे बुक कर रहे कई लोगों पर नफरत फैलाने वाले समूह का हिस्सा होने का संदेह था। कैपिटल इमारत जैसी हिंसा की आशंका कम करने के लिए उसने बुकिंग ही बंद कर दी। न्यूयार्क सिटी में स्टारबक्स सहित कई होटल बंद हो चुके हैं। कंपनियों को आशंका है कि प्रदर्शन में उनके प्रतिष्ठानों को नुकसान हो सकता है।
पूरे देश में प्रदर्शन की आशंका
खुफिया एजेंसी एफबीआई ने चेताया कि ट्रंप समर्थक सभी 50 राज्यों में प्रदर्शन की तैयारी में हैं। पूरे देश में सड़कों पर सैनिकों व पुलिस को उतारा जा रहा है। इतनी बड़ी तैनाती देखते हुए भी यह भी संभावना है कि इस बार प्रदर्शनकारी हिंसा नहीं करेंगे या बड़ी संख्या में नहीं निकलेंगे।
लेकिन सुरक्षा एजेंसियां कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। वहीं आम लोगों को यकील नहीं है कि पदग्रहण समारोह में कुछ हो सकता है। वे अमेरिका की ऐसी हालत देखते सवाल पूछ रहे हैं कि क्या यह वाकई अमेरिका है?


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