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कोरोना की नई स्‍ट्रेन से ज्यादा खतरा, UK ने नीदरलैंड ने आने वाली फ्लाइटों पर लगाई रोक

Gulabi
20 Dec 2020 12:25 PM GMT
कोरोना की नई स्‍ट्रेन से ज्यादा खतरा, UK ने नीदरलैंड ने आने वाली फ्लाइटों पर लगाई रोक
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ब्रिटेन में कोरोना वायरस की नई स्‍ट्रेन का पता चला है जो इंग्लैंड के दक्षिण-पूर्व इलाकों में काफी तेजी से फैल रही है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ब्रिटेन में कोरोना वायरस की नई स्‍ट्रेन का पता चला है जो इंग्लैंड के दक्षिण-पूर्व इलाकों में काफी तेजी से फैल रही है। वैसे अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि कोरोना वायरस की यह नई किस्‍म पहले वाले नोवेल कोरोना वायरस से अधिक संक्रामक है या नहीं लेकिन इसको लेकर बाकी मुल्‍कों में दहशत का माहौल है। समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक, दक्षिण इंग्लैंड में कोरोना की नई स्‍ट्रेन के सामने आने के बाद नीदरलैंड ने इस साल के अंत तक ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है।


हालांकि वैज्ञानिक यह पता लगा रहे हैं कि हाल में ही कोरोना मरीजों में बढ़ोतरी कहीं कोरोना के नए प्रकार से तो नहीं हुई है। ब्रिटिश विज्ञानियों ने वायरस के इस नए प्रकार को 'वीयूआइ 202012/01' नाम दिया है। नीदरलैंड ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक इसलिए लगाई है ताकि इसका प्रकोप उसकी सीमा तक नहीं पहुंचे। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, नीदरलैंड की लागू प्रतिबंध रविवार सुबह से प्रभावी हो गया। नीदरलैंड की सरकार ने कहा कि उसने कोरोना से बचाव के ब्रिटेन के सख्‍त उपायों को लागू करने के बाद यह फैसला लिया है।

मालूम हो कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने लंदन और आसपास के इलाकों में शनिवार को सख्त प्रतिबंधों का एलान किया था। सनद रहे कि ब्रिटेन में यह वाकया टीकाकरण अभियान के जारी रहने के दौरान सामने आया है। नीदरलैंड का कहना है कि वह ब्रिटेन से वायरस के नए रूप को आने से रोकने के लिए यूरोपीय संघ के अन्य देशों के साथ विभिन्न संभावनाओं पर चर्चा करेगा।

गौरतलब है कि जॉनसन ने बीते दिनों कहा था कि ऐसा लग रहा है कि कोरोना वायरस का नया रूप दुनिया के सामने आ गया है जो पहले के वायरस के मुकाबले 70 फीसद ज्‍यादा तेजी से फैलता है। समाचार एजेंसी एपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि माना यह भी जा रहा है कि लंदन और दक्षिण इंग्लैंड में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला सकता है। यह पूरा घटनाक्रम ऐसे वक्‍त में सामने आया है जब दुनिया के तमाम मुल्‍कों में टीकाकरण की तैयारियां चल रही है और कई देशों में लोगों को टीके लगाए जा रहे हैं।


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