पेरिस: फ्रांस में पुलिस फायरिंग में किशोर नाहेल की मौत के बाद से पूरे देश में भड़की हिंसा के सातवें दिन हिंसा जारी रही। ताजा घटना क्रम में हिंसा के आरोप में 160 लोगों को गिरफ्तार किया गया, 300 से ज्यादा वाहन जलाए गए और तीन पुलिसकर्मी घायल हुए। ताजा मामले को देखते हुए 45 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती में कमी नहीं की गई है।
फ्रांस में बीते सात दिनों में बिगड़े सामाजिक वातावरण में सुधार के लिए सोमवार को हजारों लोगों ने एकता प्रदर्शित करने वाले जुलूस निकाले गए। ये जुलूस सामुदायिक भवनों से निकाले गए, जिन्हें दंगे के दौरान निशाना बनाया गया था।
गृह मंत्रालय के अनुसार, दंगे में 99 सामुदायिक भवनों को निशाना बनाया गया। तोड़फोड़ और आगजनी के शिकार हुए सैकड़ों सरकारी भवन इनके अतिरिक्त है। इनमें से 34 भवनों पर रविवार-सोमवार की रात हमला हुआ।
नाइजीरियाई पिता और मोरक्कन मूल की मां की संतान नाहेल की मंगलवार को पुलिस फायरिंग में तब मौत हुई थी, जब पूछताछ के दौरान उसने अपनी कार आगे बढ़ा दी थी। घटना के बाद भड़की हिंसा ने पूरे फ्रांस को हिलाकर रख दिया। सात दिन से जारी हिंसा में हजारों करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति का नुकसान हुआ है। अब नाहेल के परिवार ने देशवासियों से शांति की अपील की है। इस बार की हिंसा ने 2018 में येलो वेस्ट आंदोलन के दौरान हुई वारदातों और नुकसान को पीछे छोड़ दिया है।
हिंसा के ताजा दौर के चलते राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां को ब्रसेल्स में हो रही यूरोपीय संघ की बैठक को बीच में छोड़कर आना पड़ा और उसके बाद जर्मनी की प्रस्तावित राजकीय यात्रा स्थगित करनी पड़ी। मैंक्रां देश में बिगड़े सामाजिक वातावरण पर संसद में चर्चा करेंगे और 220 से ज्यादा उन शहरों-कस्बों के मेयर से बात करेंगे जहां पर हिंसा हुई है।
हिंसा कम होने के बावजूद मिश्रित आबादी वाले इलाकों में तनाव व्याप्त है और वहां पर बड़ी संख्या में पुलिस भी तैनात है। रात के लिए लागू सरकार की पाबंदियां अभी हटाई नहीं गई हैं। कुछ लोगों का हिंसा में सब कुछ नष्ट हो गया है, अब उन्हें जीवन को नए सिरे से बनाना होगा।