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नाइजीरिया के उत्तर-पश्चिम में स्थित कतसिना प्रांत में आतंकी संगठन बोको हरम |
नाइजीरिया (Nigerian) के उत्तर-पश्चिम में स्थित कतसिना प्रांत (Katsina) में आतंकी संगठन बोको हरम ( Boko Haram) के सशस्त्र बंदूकधारियों द्वारा अगवा किए गए 300 से ज्यादा स्कूली बच्चों को मुक्त करा लिया गया है. सरकार ने बच्चों को मुक्त करा लेने की तो जानकारी दी है लेकिन इसके लिए किसी मुठभेड़ कीई जानकारी नहीं है, ऐसे में माना जा रहा है कि बच्चों के बदले फिरौती दी गयी है या सरकार ने बोको हरम के साथ कोई समझौता किया है.
नाइजीरिया के सरकारी टीवी 'एनटीए' पर बृहस्पतिवार को कतसिना के गवर्नर अमिनू बेलो मसारी ने बताया कि सुरक्षा अधिकारियों ने 344 स्कूली बच्चों को मुक्त करा लिया है और उन्हें कतसिना की राजधानी पहुंचाया जा रहा है. बच्चों को उनके परिवारों के पास भेजने के पहले उनकी चिकित्सकीय जांच की जाएगी. मसारी ने बताया, 'अधिकतर बच्चों को मुक्त करा लिया गया है.' उन्होंने इस बारे में टिप्पणी नहीं की कि क्या सरकार ने इसके लिए किसी तरह की फिरौती दी. नाइजीरिया के राष्ट्रपति मोहम्मद बुहारी ने बच्चों की रिहाई पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा, 'बच्चों के परिवारों, समूचे देश और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बड़ी राहत मिली है.'
पश्चिमी शिक्षा के विरोध में किया था अगवा
आतंकी संगठन बोको हरम ने कतसिना राज्य के कंकारा में स्थित सरकारी माध्यमिक स्कूल के बच्चों को अगवा करने की जिम्मेदारी ली थी. बोका हराम के एक नेता अबुबकर शेकउ ने एक वीडियो में कहा था कि स्कूलों में इस्लाम के अनुरूप शिक्षा नहीं दी जा रही है. बच्चों को अगवा करने की घटना जिस वक्त हुई थी उस समय स्कूल में 800 से ज्यादा बच्चे मौजूद थे. सैकड़ों बच्चे भाग निकले लेकिन तब माना गया था कि 330 से ज्यादा बच्चों को अगवा कर लिया गया है.
बोको हरम के नेता अबुबाकर शेकू का एक ऑडियो संदेश जारी हुए था जिसमें कहा गया है कि इसी संगठन ने स्कूली बच्चों का अपहरण किया है कि क्योंकि पश्चिमी शिक्षा इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है. नाइजीरियाई राष्ट्रपति के प्रवक्ता गरबा शेहू ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि अपहरणकर्ताओं ने संपर्क किया है और बच्चों की सुरक्षित वापसी के लिए बातचीत चल रही है. नाइजीरिया में पहले से जारी हिंसा के प्रति मौजूद लोगों का गुस्सा अब और भी बढ़ गया है और नेतृत्व के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे हैं. आरोप लगाया गया है कि नेतृत्व की ओर से पक्षपात और पारदर्शिता की कमी है.
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