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इससे पूर्व हैकरों ने नासा को भी निशाना बनाया था।
साइबर हमलों से अमेरिका को निजात नहीं मिल पा रही है। एक बार फिर अमेरिका में व्यापक पैमाने पर हैकरों ने हमला किया है। इन हमलों का शिकार अमेरिका के लगभग तीस हजार संगठनों को बनाया है। इसमें सरकारी संगठनों के साथ ही वाणिज्यिक संस्थान भी हैं। ये हमले चीन में बैठे हैकरों ने किए हैं।
क्रेब्स ऑन सिक्योरिटी के अनुसार चीन स्थित एस्पिनेज ग्रुप ने इस बार हमलों के लिए माइक्रोसॉफ्ट के एक्सचेंज सर्वर ईमेल सॉफ्टवेयर की चार कमजोरियों का फायदा उठाया। जिसके माध्यम से वह हजारों संगठनों के नेटवर्क में घुस गया और नुकसान पहुंचाया। उसने सिस्टम में पहुंचकर मॉलवेयर डाल दिए हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने अभी यह नहीं बताया कि इस हमले से कितना नुकसान हुआ है। जानकारी मिली है कि तीस हजार से भी ज्यादा संगठन इन हैकरों का शिकार हो गए हैं। क्रेब्स ऑन सिक्योरिटी के अनुसार अमेरिका के दो साइबर विशेषज्ञों ने हमलों की जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों को दी है। माइक्रोसॉफ्ट ने एक्सचेंज सर्वर की कमजोरी दूर करने के लिए तत्काल कई सुरक्षा अपडेट्स जारी किए हैं और इन सभी को इंस्टॉल करने के लिए कहा है।
उल्लेखनीय है कि इस सप्ताह माइक्रोसॉफ्ट ने चेतावनी दी थी कि चीन के हैकर प्रारंभिक तौर पर एक्सचेंच सर्वर पर हमला कर रहे हैं। इन्हें हेफनियम नाम दिया गया था और चीन से ही संचालित बताए गए थे। हैकर गोपनीय जानकारी हासिल करने के लिए शोधार्थियों, लॉ फर्म, उच्च शिक्षण संस्थान, सेना के ठेकेदारों, पॉलिसी थिंकटैंक और एनजीओ को निशाना बना रहे हैं।
पिछले एक साल में यह बारहवीं घटना है, जब माइक्रोसॉफ्ट ने सार्वजनिक रूप से यह बताया है कि संस्थानों पर साइबर हमले किए जा रहे हैं। इससे पूर्व हैकरों ने नासा को भी निशाना बनाया था।
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