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सूडान में हिंसा के कारण 30 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए

Shreya
13 July 2023 12:27 PM GMT
सूडान में हिंसा के कारण 30 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए
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खार्तूम। मानवतावादी समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) के अनुसार अप्रैल में सूडान में जारी हिंसा के बाद से 30 लाख से अधिक लोग, जिनमें से लगभग आधे बच्चे हैं, अपने घरों से विस्थापित हुए है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ओसीएचए और यूनिसेफ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि लगभग 1.5 मिलियन बच्चे अपने घर से दूर रह रहे हैं, हालांकि कुछ अभी भी सूडान में हैं। रिपोर्ट में कहा गया सूडान में हर दो में से एक बच्चे, यानि लगभग 13.6 मिलियन को तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है।

ओसीएचए ने कहा कि संघर्ष शुरू होने के बाद से यूनिसेफ ने 30 लाख से अधिक बच्चों और महिलाओं को स्वास्थ्य आपूर्ति के साथ-साथ लगभग 14 लाख लोगों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया है। इसमें कहा गया है कि लगभग 100,000 बच्चे सौर ऊर्जा संचालित केंद्रों सहित सुरक्षित शिक्षण स्थानों में जाते हैं।

कार्यालय ने आगे कहा कि इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) ने बताया है कि सभी 18 सूडानी राज्यों में 2.4 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

विस्थापितों में से लगभग तीन चौथाई लोग मूल रूप से राजधानी खार्तूम से चले गए।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने बताया कि ओसीएचए के मुुुुुुताबिक सूडान में लड़ाई के कारण 650,000 से अधिक लोगों ने पड़ोसी देशों में शरण ली है।

आईओएम ने एक अपडेट में कहा कि सूडान से 64,000 से अधिक लोग इस सप्ताह की शुरुआत में देश के अमहारा, बेनिशांगुल गुम्ज़ और गैम्बेला क्षेत्रों से इथियोपिया पहुंचे।

इथियोपिया में प्रवेश करने वाले लोगों की बढ़ती संख्या के बीच आईओएम ने कहा कि भारी बारिश से कर्मियों को इलाकों में सहायता पहुंचाने में परेशानी हो रही है।

आईओएम ने कहा कि उसने सीमा पार करने वाले बिंदुओं और मेटेमा में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है। जहां आने वाले लोगों को स्वास्थ्य, पानी, स्वच्छता, मानसिक स्वास्थ्य, मनोसामाजिक सहायता, परिवहन के साथ-साथ सुरक्षा सहायता सहित बहु-क्षेत्रीय सहायता प्रदान की जाती है।

15 अप्रैल को सूडान की राजधानी खार्तूम में लड़ाई शुरू हुई थी और बाद में यह देश के विभिन्न हिस्सों में फैल गई।

सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) और अर्धसैनिक समूह रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच विशेष रूप से सेना में एकीकरण को लेकर गहरे मतभेद उभर कर समाने आए थे।

इस लड़ाई में अब तक लगभग 3,000 से 5,000 लोग मारे जा चुके है। वहीं 8,000 से अधिक अन्य घायल हुए हैं। (आईएएनएस)

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