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काबुलः संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन फंड (UNICEF) ने दावा किया है कि अफगानिस्तान में अक्टूबर 2023 तक 15 मिलियन यानि लगभग 15 करोड़ से अधिक लोग भुखमरी के शिकार हो जाएंगे। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 29.2 मिलियन लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता होने की उम्मीद है। सूखे जैसी स्थिति, बाढ़, असुरक्षा, कठोर सर्दी, राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता और विस्थापन के कारण अफगानिस्तान की मंदी और बढ़ गई है।
यूनिसेफ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए टोलो न्यूज ने बताया कि अफगानिस्तान में आर्थिक संकट जारी रहने की आशंका है। वहीं 64 प्रतिशत परिवार अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ हैं क्योंकि कमजोर आबादी को कगार पर धकेल दिया गया है। अगस्त 2021 में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से, अफगानिस्तान में लोगों की स्थिति और खराब हो गई है क्योंकि देश बड़े पैमाने पर मानवीय संकट की चपेट में है। तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में एक अर्थशास्त्री सैयद मसूद ने कहा, 'मानवीय सहायता और खाद्य सुरक्षा का मुख्य उद्देश्य उपभोग के स्तर और परिवारों की बुनियादी जरूरतों को बढ़ाना है।'
यूनिसेफ के अनुसार, गैर सरकारी संगठनों और संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाली अफगान महिलाओं पर प्रतिबंध ने कमजोर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरों को काफी बढ़ा दिया है। महिला अधिकार कार्यकर्ता सूर्या पायकन ने कहा, 'महिलाओं में सर्वोत्तम प्रतिभाएं मौजूद हैं और वे सामाजिक और कार्य क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं, लेकिन दुर्भाग्य से, वर्तमान सरकार अभी तक देश में इस समस्या का समाधान नहीं कर पाई है।' जब से तालिबान ने सत्ता पर कब्जा किया है, लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए कठिनाइयों का सामना तो करना ही पड़ रहा है, देश में महिलाओं की स्थिति भी बदतर हो गई है। देश में महिलाओं को नेतृत्व पदों पर जाने से प्रतिबंधित किया गया है और उन्हें काम करने के साथ-साथ यात्रा करने की भी अनुमति नहीं है, जब तक कि उनके साथ कोई पुरुष साथी न हो।
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