विश्व
थियेटर के मलबे में तीसरे दिन भी दबे हैं 1100 से ज्यादा लोग, रुसी बमबारी से कई इमारतें ध्वस्त
Renuka Sahu
20 March 2022 12:49 AM GMT
x
फाइल फोटो
रूसी बमबारी से ध्वस्त हुए मैरियूपोल के एक थियेटर के मलबे से तीसरे दिन भी 1100 से ज्यादा लोग नहीं निकाले जा सके हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूसी बमबारी से ध्वस्त हुए मैरियूपोल के एक थियेटर के मलबे से तीसरे दिन भी 1100 से ज्यादा लोग नहीं निकाले जा सके हैं। थियेटर के बेसमेंट में 1300 लोगों ने शरण ली थी, इनमें से 130 को ही निकाला जा सका है। थियेटर ऊपर से पूरी तरह खंडहर में बदल चुका है। स्थानीय आपातकालीन सेवाओं से जुड़े लोगों के मुताबिक बुधवार को हुए इस हमले के तीन दिन बाद शनिवार तक जारी राहत और बचाव कार्य में बड़ी कामयाबी नहीं मिली है। थियेटर में ज्यादातर महिला और बच्चे छिपे थे।
जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है, मलबे में लोगों के सुरक्षित बचने की उम्मीदें भी खत्म होती जा रही हैं। शनिवार को स्थानीय सांसद ने बताया कि रूस की तरफ से बार-बार बचाव दल पर हमला किया जा रहा है, जिससे और मुश्किल हो रही है। मैरियूपोल के मेयर वादयम बोइचेंको ने कहा, सिटी सेंटर को भी रूसी टैंक, हवाई हमलों और सैनिकों ने रौंद डाला है। शहर में जमीन का कोई ऐसा टुकड़ा नहीं, जहां रूसी हमले के निशान नहीं दिख रहे हों।
पुतिन मैरियूपोल की घेराबंदी हटाएं : मैक्रों
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर लगभग 70 मिनट तक हुई बातचीत में मैरियूपोल की घेराबंदी हटाने, वहां मानवीय मदद पहुंचाने की अनुमति देने और तत्काल संघर्ष-विराम लागू करने का आदेश जारी करने की मांग की।
मैरियूपोल से शुक्रवार को 9000 और नागरिक बाहर निकाले गए। यहां से अबतक 180000 लोग सुरक्षित निकाले जा चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ के अनुसार 15 लाख बच्चे यूक्रेन छोड़कर बाहर भेजे गए हैं।
रूस के साथ 10 और गलियारों पर सहमति
यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री आइरिना वेरेशचुक ने कहा है कि रूस के साथ नागरिकों को युद्ध क्षेत्र से निकालने के लिए 10 और गलियारे पर सहमति बनी है। इनमें एक गलियारा मैरियूपोल में जबकि अन्य कीव तथा लुहांस्क क्षेत्रों में हैं।
नाटो तक पहुंच रही आंच
युद्ध की आंच नाटो की ओर भी बढ़ती दिख रही है। रूस ने बृहस्पतिवार को स्लोवाकिया को चेतावनी दी थी कि यदि उसने यूक्रेन को एस-300 एयर डिफेंस सिस्टम बेचा तो वह इसकी आपूर्ति शृंखला को निशाना बनाएगा। धमकी के बाद नाटो ने स्लोवाकिया में एयर डिफेंस सिस्टम तैनात करने की घोषणा की है। स्लोवाकिया नाटो का सदस्य है।
बमों और बारूदी सुरंगों को निष्क्रिय करने में वर्षों लगेंगे
यूक्रेन ने कहा है कि रूसी बलों ने उनके देश में जो बम-गोले बरसाए और बारूदी सुरंगें बिछाईं उन्हें निष्क्रिय करने में कई वर्ष लगेंगे। इनमें से कई बम-गोले व बारूदी सुरंगे फट नहीं पाई हैं। यूक्रेन के गृहमंत्री डेनिस मोनास्तिरिस्की ने रूसी सेना से घिर चुके कीव में समाचार एजेंसी से कहा कि युद्ध खत्म होने के बाद भी ऐसे बम-गोलों और बारूदी सुरंगों को हटाने में कई वर्ष लगेंगे जो फट नहीं पाए हैं। इस काम में पश्चिमी देशों की मदद की जरूरत भी पड़ेगी। मलबे के नीचे दबे ऐसे हथियार एक वास्तविक खतरा हैं।
डेनिस ने कहा, रूसी बलों द्वारा लगातार जारी हमलों से लगी आग से निपटना भी एक बड़ी चुनौती है। यूक्रेनी अफसरों ने बताया, रूस ने लवीव में निकासी गलियारों को भी निशाना बनाया है। इन गलियारों का इस्तेमाल नागरिक युद्धग्रस्त शहर से बाहर निकलने और एजेंसियां वहां मदद पहुंचाने के लिए कर रही हैं।
उपग्रह तस्वीरें : कई घर तबाह, इमारतें चकनाचूर
यूक्रेन के शहरों की नई उपग्रह तस्वीरों में विनाश की भयावहता दिख रही है। नई तस्वीरों के भीतर मैरियूपोल में घरों, इमारतों और दुकानों को जबरदस्त नुकसान नजर आ रहा है।
होस्टोमेल, मोस्चुन, इरपिन और अन्य शहरों में दुकानें, घर, आवासीय भवन और अन्य ढांचे ध्वस्त हो चुके हैं।
दक्षिणी चेर्निहीव में गोलाबारी के बाद जलता क्षेत्र दिख रहा है। रूसी सेना बड़ी तेजी से होस्टोमेल में एंटोनोव हवाई अड्डे के पास जुटी है और जदिजिव्का और बेरेस्टयेंका और उसके आसपास अपने बख्तरबंद उपकरणों की तैनाती की रक्षा और उन्हें छिपाने की कोशिश कर रही है।
रूस के उप-राजदूत का ट्विटर खाता बंद
संयुक्त राष्ट्र में रूस के प्रथम उप-राजदूत दमित्री पोलयंस्की ने दावा किया कि ट्विटर ने मैरियूपोल के एक प्रसूति अस्पताल पर हुए हमले से जुड़े ट्वीट को लेकर उनका अकाउंट ब्लॉक कर दिया है। उन्होंने कहा, इससे स्पष्ट है कि ट्विटर प्रेस की आजादी और सूचनाओं के मुक्त प्रवाह को कितनी अहमियत देता है। ट्विटर पर पोलयंस्की के 22 हजार से अधिक फॉलोअर थे। उन्होंने सात मार्च को ट्वीट किया था कि चरमपंथियों ने अस्पताल को सैन्य अड्डे में बदल दिया था।
लड़ना चाहती हैं 98 साल की ओल्हा, लेकिन उम्र बनी बाधा
यूक्रेन के आम लोग भी सेना में भर्ती होकर देश के लिए शहादत देने को तैयार हैं। इस बीच 98 वर्षीय यूक्रेनी महिला ओल्हा तेवरदोखलिबोवा ने रूस के खिलाफ लड़ने की पेशकश की है। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लिया था। यूक्रेन के गृह मंत्रालय ने बताया, ओल्हा ने द्वितीय विश्व युद्ध में सक्रिय रूप से भाग लिया था। मंत्रालय के मुताबिक, ओल्हा ने सेना में शामिल होने की पेशकश की थी। लेकिन अफसोस की बात है कि अधिक उम्र के कारण उन्हें मना कर दिया गया। मंत्रालय ने कहा, गुणों और अनुभवों के बावजूद, उम्र बाधा बन गई। यकीन है कि वह जल्द ही एक और जीत का जश्न मनाएंगी।
खाली प्रैम रखकर दिखाया कितने बच्चे मारे गए
यूक्रेन के लवीव शहर में लोगों ने रूसी हमलों की भयावहता को अनोखे तरीके से दिखाया। पिछले बृहस्पतिवार को हुए अलग तरह के इस विरोध प्रदर्शन के दौरान 109 खाली प्रैम (बच्चों को घुमाने वाले पालने) रखकर बताया गया कि रूसी हमलों में इतने बच्चे मारे गए हैं। इस जंग में जान गंवाने वाले मासूमों की संख्या शनिवार को 112 हो गई। इन हमलों में 140 बच्चे घायल भी हुए हैं।
बाइडन ने जिनपिंग को रूसी मदद के नतीजों से अवगत कराया : व्हाइट हाउस
राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को वीडियो कॉल करके बताया कि चीन को रूस कोे मदद देने के नतीजे समझना जरूरी है। व्हाइट हाउस प्रवक्ता जेन साकी ने कहा, बाइडन ने जिनपिंग को बताया कि हम यहां कैसे पहुंचे, हमने क्या कदम उठाए, हम क्यों इस हद तक गए। दोनों नेताओं में लगभग दो घंटे तक हुई बातचीत यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान पर केंद्रित रही। बाइडन ने संकट के राजनयिक समाधान के प्रति समर्थन भी जताया।
यूक्रेन संकट ऐसी चीज नहीं जिसे हम देखें : शी
जिनपिंग ने कहा कि 'यूक्रेन संकट' कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसे 'हम देखना चाहते हैं।' चीनी राष्ट्रपति ने विश्व शांति के लिए 'अंतरराष्ट्रीय दायित्वों' को पूरा करने को लेकर साझा सहयोग की अपील की।
Next Story