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चीन के Wuhan लैब में कोरोना से भी अधिक खतरनाक वायरस मौजूद, ऐसे खुला राज़

Gulabi
10 April 2021 4:55 PM GMT
चीन के Wuhan लैब में कोरोना से भी अधिक खतरनाक वायरस मौजूद, ऐसे खुला राज़
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कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरे विश्व में एक बार फिर से कहर बरपाना शुरू कर दिया

कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरे विश्व में एक बार फिर से कहर बरपाना शुरू कर दिया है. वहीं एक और डराने वाली खबर सामने आई है. कोरोना वायरस के जितना खतरनाक एक और वायरस जल्द ही दुनिया को परेशान कर सकता है. दरअसल, शोधकर्ताओं की एक टीम ने ये दावा किया है कि चीन (China) के वुहान (Wuhan) में अब भी कई प्रकार के नए और अधिक खतरनाक कोरोना वायरस मौजूद हैं. वैज्ञानिकों ने ये दावा वुहान और चीन के अन्य शहरों के कृषि प्रयोगशालाओं से मिले चावल और कपास के जेनेटिक डेटा के आधार पर किया है.

दुनिया एक और बड़े मुसीबत की ओर

एक तरफ लोग कोरोना की कहर से परेशान हैं ऐसे में, अगर वैज्ञानिकों का यह दावा सही है तो चीन की तरफ से दुनिया को एक और मुसीबत मिल सकती है. ये वायरस ज्यादा खतरनाक साबित हो सकते हैं क्योंकि कृषि प्रयोगशालाओं में मेडिकल रिसर्च सेंटर या वायरोलॉजी लैब की तरह मजबूत सुरक्षा व्यवस्था नहीं होती है
चीन में कई खतरनाक वायरस मौजूद
इस शोध को ArXiv नाम के प्रीप्रिंट सर्वर में प्रकाशित किया गया है. वैज्ञानिकों ने कहा कि चीन के वुहान और अन्य शहरों के कृषि प्रयोगशालाओं (Agricultural Labs) में इंसानों को नुकसान पहुंचाने वाले कई खतरनाक वायरस मौजूद हैं. अगर इसे अभी सुरक्षित रूप से कंट्रोल नहीं किया गया तो दुनिया एक लिए बड़ी मुसीबत हो सकती है.
चावल और कपास के जेनेटिक सिक्वेंस
ArXiv पर प्रकाशित इस रिपोर्ट को भले ही अभी किसी एकेडेमिक जर्नल या किसी एक्सपर्ट ने मान्यता नहीं दी है. लेकिन ये शोध चौंकाने वाला जरूर है. वैज्ञानिकों ने कृषि प्रयोगशालाओं में मौजूद चावल और कपास के जेनेटिक सिक्वेंस के साल 2017 से 2020 के बीच का डेटा लिया है. ये डेटा कि यहां नए वायरसों का पूरा जखीरा है, जो MERS और SARS से संबंधित है.
चीनी सरकार ने किया इंकार
हैरानी की बात ये है कि ये सारे जेनेटिक डेटा वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (Wuhan Institute of Virology) में निकाले गए थे. जिसे लेकर अब भी दुनिया को शक है कि इसी लैब से कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी गलती से फैली. हालांकि, चीन की सरकार लगातार इसे मना करती आ रही है. फिर भी दुनिया भर के वैज्ञानिकों को इस लैब पर शक तो है.
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