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Monkeypox वायरस! कोरोना के बीच एक और खतरनाक वायरस, इस देश में हड़कंप

jantaserishta.com
9 May 2022 6:20 AM GMT
Monkeypox वायरस! कोरोना के बीच एक और खतरनाक वायरस, इस देश में हड़कंप
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लंदन: ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंकीपॉक्स वायरस (monkeypox virus) के एक मामले की पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि जिस व्यक्ति में इस वायरस की पुष्टि हुई है, उसने हाल में ही नाइजीरिया (Nigeria) की यात्रा की थी. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि मंकीपॉक्स वायरस जानवरों से मनुष्यों में फैलता है.

यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA) ने कहा कि मंकीपॉक्स एक रेयर वायरल संक्रमण है जो लोगों के बीच आयसानी से नहीं फैलता है. इस वायरस के शिकार अधिकांश लोग कुछ हफ्तों में ठीक हो जाते हैं, हालांकि एजेंसी की ओर से ये भी कहा गया है कि कुछ मामलों में ये गंभीर रूप भी दिखा सकता है.
UKHSA में Clinical and Emerging Infections के डायरेक्टर डॉक्टर कॉलिन ब्राउन ने शनिवार को कहा कि इस बात पर जोर देना महत्वपूर्ण है कि मंकीपॉक्स लोगों के बीच आसानी से नहीं फैलता है और जोखिम बहुत कम है. उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि उन व्यक्तियों से संपर्क किया जा सके, जो वायरस से संक्रमित के संपर्क में थे. इससे उनका आकलन किया जा सके और सलाह दी जा सकेगी.
डॉक्टर ब्राउन ने कहा कि UKHSA और NHS मंकीपॉक्स वायरस से निपटने के लिए कई प्रयासों में जुटी हुई है. सेंट थॉमस अस्पताल में संक्रामक रोगों के सलाहकार डॉक्टर निकोलस प्राइस ने कहा कि मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित मरीज का इलाज सेंट थॉमस अस्पताल के स्पेशल आइसोलेशन यूनिट में एक्सपर्ट क्लिनिकल स्टाफ कर रहे हैं.
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, मंकीपॉक्स जानवरों से इंसानों में फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है. ये बीमारी अक्सर मध्य और पश्चिमी अफ्रीकी देशों में फैलती है और यहीं से दूसरे हिस्सों में भी फैलती है. ये बीमारी संक्रमित जानवर से सीधे संपर्क में आने से फैल सकती है. इस बीमारी में भी स्मॉलपॉक्स यानी चेचक की तरह ही लक्षण होते हैं.
प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, ठंड लगना और थकावट शामिल हैं. चेहरे पर दाने हो सकते हैं जो शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं. ये दाने बाद में पपड़ी में बदल जाते हैं जो बाद में खुद गिर जाते हैं.
मंकीपॉक्स वायरस तब फैल सकता है जब कोई संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में हो. वायरस नाक, आंख या मुंह के के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है.
बता दें कि यूके में मंकीपॉक्स वायरस का पहला मामला 2018 में सामने आया था. तब से लेकर आज तक ऐसे कुछ ही मामलों की पुष्टि हुई है. मंकीपॉक्स वायरस की पहचान सबसे पहले 1970 में अफ्रीकी देश कॉन्गो में हुई थी. उसके बाद 2003 में ये बीमारी अमेरिका समेत दुनियाभर के कई देशों में फैला था.
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