
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोमवार को कहा कि अब से मंकीपाक्स का नाम एमपाक्स होगा। उन्होंने इसी नाम का उपयोग करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने कहा कि बीमारी का वर्तमान नाम जातिवादी और कलंकित करने वाला था।
जेनेवा, रायटर्स। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोमवार को कहा कि अब से मंकीपाक्स का नाम एमपाक्स होगा। उन्होंने इसी नाम का उपयोग करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने कहा कि बीमारी का वर्तमान नाम जातिवादी और कलंकित करने वाला था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने बयान में कहा, 'दोनों नामों का एक साल तक एक साथ इस्तेमाल किया जाएगा, और 'मंकीपाक्स' को चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा।
नाम बदलने के लिए मिले 200 से अधिक प्रस्ताव
बता दें कि WHO ने इस साल की शुरुआत में बीमारी के लिए एक नया नाम खोजने के लिए सार्वजनिक परामर्श प्रक्रिया शुरू की थी, जिसके लिए 200 से अधिक प्रस्ताव मिले। पोलिटिको ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन में वरिष्ठ अधिकारियों ने निजी तौर पर WHO नेताओं से नाम बदलने का आग्रह किया था। हलांकि इसपर WHO के प्रवक्ता ने अधिक विवरण देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कई व्यक्तियों और देशों ने चिंता जताई थी और जिनेवा स्थित एजेंसी को आगे का रास्ता सुझाने के लिए कहा था।
वर्ष 1958 में मिला था एमपाक्स
बता दें कि Mpox को 1958 में खोजा गया और लक्षण दिखाने वाले पहले जानवर के नाम पर रखा गया। एमपाक्स का प्रभाव इस साल ज्यादातर पश्चिम और मध्य अफ्रीका के देशों के समूह में फैला दिखा था। दुनिया में करीब 100 ऐसे देश हैं, जहां एमपाक्स स्थानीय बीमारी नहीं है। हालांकि उन देशों ने अब वायरल बीमारी के प्रभाव की सूचना दी है। मालूम हो कि WHO के पास रोगों के अंतरराष्ट्रीय वर्गीकरण के तहत मौजूदा बीमारियों को नए नाम देने का अधिकार है। आम तौर पर, यह किसी देश, क्षेत्र, पशु या जातीय समूह के साथ किसी बीमारी या वायरस को जोड़ने से बचने का प्रयास करता है।