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कनाडा की सड़कों पर लगा मोदी का पोस्टर, जानें वजह

Neha Dani
11 March 2021 5:02 AM GMT
कनाडा की सड़कों पर लगा मोदी का पोस्टर, जानें वजह
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जिसके जरिए वैश्विक परिवार को कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में मदद की जा रही है.

कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) में भारत दुनिया के कई देशों के लिए मसीहा बनकर उभरा है. इन देशों में कनाडा का नाम भी शामिल है. भारत की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) कंपनी द्वारा निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield vaccine) की पांच लाख डोज वाली पहली खेप हाल ही में कनाडा पहुंची थी. जिसके बाद अब इस देश ने भारत का आभार प्रकट किया है. यहां ग्रेटर टोरंटो में बिलबोर्ड लगाए गए हैं. जिनपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की तस्वीर है और उन्हें धन्यवाद कहा गया है.

इन बिलबोर्ड पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के साथ लिखा है, 'कनाडा को कोविड वैक्सीन देने के लिए धन्यवाद भारत और पीएम नरेंद्र मोदी.' भारत की ओर से कनाडा को वैक्सीन की 20 लाख डोज दी जा रही हैं. इससे पहले पांच लाख डोज मिलने पर कनाडा की भारतीय मूल की मंत्री अनीता आनंद (Anita Anand) ने कहा था, 'भारत के सीरम इंस्टीट्यूट में बनी कोविशील्ड वैक्सीन की पांच लाख डोज की पहली खेप कनाडा पहुंच गई है. 15 लाख डोज और आएंगी. हम आगे के सहयोग के लिए तत्पर रहेंगे.'
पीएम ट्रूडो ने किया था फोन
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को फोन करके अनुरोध किया था कि उन्हें वैक्सीन चाहिए. जिसपर पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी थी कि 'मेरे दोस्त जस्टिन ट्रूडो का फोन आने पर खुशी हुई.' इसके साथ ही उन्होंने कनाडा को आश्वासन देते हुए कहा था कि कोरोना वायरस वैक्सीन की जितनी भी डोज की मांग की गई है, भारत उनकी आपूर्ती करने की पूरी कोशिश करेगा.
'भारत गर्व महसूस कर रहा है'
कनाडा में भारत के राजदूत अजय बिसारिया (Ajay Bisaria) ने कहा था, 'कनाडा के टीकाकरण अभियान को समर्थन देने में भारत गर्व महसूस कर रहा है. 60 फीसदी से अधिक वैक्सीन निर्माण क्षमता के साथ भारत वैक्सीन अंतरराष्ट्रीयवाद में विश्वास रखता है और दुनिया को घातक महामारी से निपटने के लिए सहारा दे रहा है.' उन्होंने ये भी कहा था कि वैक्सीन (Made in India Vaccines) की सप्लाई भारत और कनाडा की रणनीतिक साझेदारी को दर्शाती है. साथ ही दुनिया के औषधाल्य की भारत की प्रतिबद्धता का भी इससे पता चलता है, जिसके जरिए वैश्विक परिवार को कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में मदद की जा रही है.





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