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पंजशीर में मोबाइल सुविधाएं हुई ठप, रेडियो और टीवी पर महिलाओं की पाबंदी

Gulabi
29 Aug 2021 2:34 PM GMT
पंजशीर में मोबाइल सुविधाएं हुई ठप, रेडियो और टीवी पर महिलाओं की पाबंदी
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अफगानिस्तान के कुल 34 प्रान्तों में से पंजशीर अकेला ऐसा प्रान्त है जो अब तक तालिबानी आतंकियों के कब्जे से बाहर है

अफगानिस्तान (Afghanistan) के कुल 34 प्रान्तों में से पंजशीर (Panjshir) अकेला ऐसा प्रान्त है जो अब तक तालिबानी आतंकियों के कब्जे से बाहर है. वहां तालिबानियों की नहीं, बल्कि आज भी राष्ट्र प्रेमी अफगानियों की हुकूमत चल रही है. लेकिन बौखलाए तालिबान (Taliban) ने शुक्रवार शाम से पंजशीर प्रान्त में इंटरनेट, कॉल और मैसेज सर्विस बंद कर दी है.

अफगान रेजिस्टेंस फोर्स के प्रमुख अहमद मसूद जूनियर के प्रवक्ता फहीम दश्ती ने Zee News के साथ इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि कल शाम से पूरे पंजशीर में टेलीकॉम सर्विस ठप कर दी गई है. मोबाइल इंटरनेट के अलावा कॉल और मैसेज की सुविधाओं को भी बंद कर दिया गया है. तालिबान का यह कदम पंजशीर की आम जनता के खिलाफ है.
पंजशीर से तालिबान को डर!
पंजशीर तालिबान के खिलाफ अफगान रेजिस्टेंस फोर्स का गढ़ है, जिसकी कमान पंजशीर में रहकर इस समय शेर-ए-पंजशीर के बेटे अहमद मसूद जूनियर (Ahmad Massoud Jr.) संभाल रहें हैं. पंजशीर में इस समय कई बड़े तालिबान की खिलाफत करने वाले पूर्व सैन्य कमांडर मौजूद हैं जो देश छोड़कर नहीं गए हैं. इनमें अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh), अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह खान मोहम्मदी (Bismillah Khan Mohammadi) जैसे बड़े नाम मौजूद हैं. यह लोग अफगानिस्तान को इस आतंक के कब्जे से छुड़ाने के लिए योजना बना रहे हैं.
कब्जे की सारी कोशिशें नाकाम
इससे पहले तालिबान ने 23 अगस्त को पंजशीर पर कब्जा करने के लिए 3 हजार तालिबानी लड़ाकों को पंजशीर की सीमा पर भेजा था. लेकिन बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण तालिबानी लड़ाकों ने अभी पंजशीर पर हमला तो नहीं किया. लेकिन दावा किया कि तालिबान पंजशीर पर कब्जा शांति के मार्ग और बातचीत से करना चाहता है. अब आशंका जताई जा रही है कि तालिबान पंजशीर पर कब्जा करने के लिए कभी भी हिंसक रूप अपना सकता है.
महिलाओं पर लगे कड़े प्रतिबंध
गौरतलब है कि तालिबान के कार्यवाहक उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी ने घोषणा की है कि लड़कियां और लड़के अब अफगानिस्तान की यूनिवर्सिटीज में एक साथ नहीं पढ़ सकेंगे. अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद आतंकियों ने को-एडुकेशनल (Co-Educational) सिस्टम को बैन कर दिया है. लड़कियां इस्लामिक कानून के मुताबिक अलग-अलग क्लासेस में पढ़ाई करती रहेंगी. बताते चलें कि कंधार के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने कल अपने एक आदेश में कंधार में रेडियो और टीवी स्टेशन पर संगीत और महिलाओं की आवाज के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया था.
तालिबानी सरकार बनाने में जुटा अखुंदजादा
आतंकी संगठन तालिबान का प्रमुख मुल्ला हिबतुल्लाह अखुंदजादा (Mullah Haibatullah Akhundzada) अफगानिस्तान पहुंच गया है. बताते चलें कि वर्षों तक अमेरिकी सेना के हाथों मार जाने के डर से पाकिस्तान में छुपे रहने के बाद आखिरकार यह खूंखार आतंकी 25 अगस्त को अफगानिस्तान के कंधार प्रान्त में पहुंचा है. बीते 4 दिनों से तालिबान का प्रमुख मुल्ला हिबतुल्लाह अखुंदजादा तालिबानी नेताओं के साथ बैठकें करके अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार बनाने में जुटा हुआ है.
दुनिया के सामने आएगा तालिबानी प्रमुख
साल 2016 में तत्कालीन तालिबानी प्रमुख अख्तर मंसूर की अमेरिकी ड्रोन स्ट्राइक में मार गिराया गया था. मंसूर की मौत के बाद हिबतुल्लाह अखुंदजादा को तालिबान का नया प्रमुख बनाया गया था. गौरतलब है कि कई सालों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आंखों से गायब रहने और पाकिस्तान में छुपे रहने वाला अखुंदजादा जल्द ही खुलकर सामने भी आ सकता है. बीते दिनों तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आश्वासन दिया था कि आने वाले दिनों में तालिबानी प्रमुख हिबतुल्लाह अखुंदजादा दुनिया के सामने आएगा. ऐसे में इस खूंखार आतंकी के कंधार पहुंचने के बाद उम्म्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही यह आतंकी दुनिया के सामने आएगा.
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