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मिसाइल जैसी राइफल, पुतिन की सेना का किया बुरा हाल

Neha Dani
3 Oct 2022 6:04 AM GMT
मिसाइल जैसी राइफल, पुतिन की सेना का किया बुरा हाल
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यूक्रेन के लिए कारगर साबित हुई. हालांकि युद्ध के मैदान में वास्तव में कितनी राइफलें पहुंची हैं, यह स्पष्ट नहीं है.
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का हल निकलता नहीं दिखाई दे रहा. दोनों देशों के बीच शुरू हुआ खूनी जंग किसी भी सूरत में खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. युद्ध के शुरुआती दिनों में कहा जा रहा था रूस की सेना के आगे यूक्रेन कुछ ही दिनों में सरेंडर कर देगा. लेकिन जानकारों की ये बातें सिरे से गलत साबित हुई हैं. यूक्रेनी सेना रूस के लड़ाकों का मुंहतोड़ जवाब दे रही हैं. इस जंग में यूक्रेन के लिए दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे खतरनाक स्नाइपर राइफल्स में से एक स्नाईपेक्स एलीगेटर रूस के लिए घातक साबित हो रही है. आइये आपको बताते हैं इस खतरनाक हथियार के बारे में.
बेहद घातक है यूक्रेन की ये राइफल
स्नाईपेक्स एलीगेटर को 14.5-मिलीमीटर भारी मशीन गन राउंड का इस्तमाल करने के लिए डिजाइन किया गया है. लगभग 12 टन की एनर्जी के साथ यह चार मील दूरी अपने टारगेट का खात्मा कर सकती है. यूक्रेनी सैनिकों इस राइफल से न केवल दुश्मन सैनिकों को बल्कि उनके बख्तरबंद वाहनों, संचार गियर और यहां तक ​​​​कि गोला-बारूद और ईंधन कैरियर को भी तहस-नहस कर रहे हैं.
बैरेट से भी खतरनाक
इससे पहले एंटी मैटेरियल राइफल बैरेट को दुनिया भर की सेनाओं ने हाथों-हाथ अपनाया था. ये इतनी शक्तिशाली थी कि इसने हथियार की एक पूरी तरह से नई कैटेगरी को लांच किया. बैरेट का आविष्कार जितना शक्तिशाली था, उससे कहीं ज्यादा घातक यूक्रेन की नई स्नाइपेक्स एलीगेटर एंटी-मैटेरियल राइफल.
साइज में भी सबसे बड़ी
स्नाइपेक्स द्वारा विकसित एलीगेटर एक एडवांस हथियार है और इसका आकार भी अन्य राइफल्स से कहीं बड़ा है. राइफल 6 फीट 6 इंच लंबी (औसत स्नाइपर से बहुत लंबी) है और इसका वजन 50 पाउंड है. इसका राइफल बैरल 22 इंच लंबा होता है, जबकि मॉडल 82 में बैरल 27 इंच लंबा होता है.
टैंक तक को बना सकती है टारगेट
स्नाइपेक्स का दावा है कि एलीगेटर 1,500 मीटर की दूरी पर 10 मिमी स्टील को भेद सकती है. यह एक रूसी बीटीआर-80 बख्तरबंद वाहन को भेदने के लिए काफी है. वाहन में बैठे सैनिकों को भी इससे टारगेट किया जा सकता है.
रूस के खिलाफ यूक्रेन का बड़ा हथियार
स्नाइपेक्स एलीगेटर ने 2021 में यूक्रेनी विशेष अभियान बलों के लिए काफी मददगार साबित हुई है. विशेषज्ञों का दावा है कि रूसी आक्रमण पर ब्रेक लगाने के लिए यह राइफल यूक्रेन के लिए कारगर साबित हुई. हालांकि युद्ध के मैदान में वास्तव में कितनी राइफलें पहुंची हैं, यह स्पष्ट नहीं है.

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