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रूस चाहता है कि इसके ऐवज में पश्चिमी देश उस पर लगी पाबंदियों को हटा दें।
रूस और यूक्रेन की पांच माह से जारी जंग के बीच शुक्रवार को दोनों के बीच एक अहम समझौता हुआ है। ये समझौता यूक्रेन में रुके दो करोड़ टन अनाज को बाहरी दुनिया में भेजने के लिए सुरक्षित रास्ता मुहैया करवाने को लेकर हुआ है। दोनों के बीच हुई इस डील में तुर्की और संयुक्त राष्ट्र ने अहम भूमिका अदा की है। इस डील के बाद यूक्रेन के अनाज निर्यात का रास्ता भी साफ हो गया है। इस समझौते के मौके पर तुर्की के राष्ट्रपति समेत यूएन प्रमुख भी मौजूद थे।
जेलेंस्की ने की थी अपील
इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने तुर्की के राष्ट्रपति रैसेप तैयप इर्दोगन और संयुक्त राष्ट्र प्रमुख से इसके लिए सुरक्षित रास्ता दिलवाने की अपील की थी। ये डील दो कारणों से काफी अहम हो गई है। इसका पहला कारण है कि इसके बाद भूख से तरसते देशों को यूक्रेन के अनाज से राहत मिल सकेगी तो दूसरा कारण है कि इसने भविष्य में रूस और यूक्रेन के बीच कुछ और समझौते होने की भी संभावना बनी रहेगी।
रिकार्ड पैदावार
गौरतलब है कि यूक्रेन में इस वर्ष भी रिकार्ड पैदावार होने की संभावना जताई गई थी। इसको देखते हुए यदि ये अनाज निर्यात होने से रह जाता तो एक तरफ दो कई देशों में खाद्य संकट खड़ा हो जाता वहीं दूसरी तरफ उसकी नई पैदावार पर भी संकट के बादल मंडराने लगते। यूक्रेन में कार्न, गेहूं और सूरजमुखी की खेती प्रमुखता से होती है।
यूक्रेन के किसानों की समस्या
अंतरराष्ट्रीय मार्किट में भी इसकी काफी मांग होती है। बता दें कि यूक्रेन के कब्जे वाले करीब 80 फीसद इलाके में खेती होती है। लेकिन युद्ध के हमले के बाद से यहां के किसान काफी परेशान हैं। ये किसान अपने अनाज को न तो कहीं ले जा पा रहे हैं और न ही बेच पा रहे हैं। युद्ध की वजह से स्थापीय बाजार में इनकी कीमत भी काफी कम हो गई है। वहीं यूरोप समेत दूसरे कुछ देशों में खाद्य समस्या भी खड़ी हो गई है।
ब्लैकमेल कर रहा रूस
यूक्रेन और रूस के बीच अनाज निर्यात को हुई डील से पहले यूक्रेन के खाद्य मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा था कि रूस इस मुद्दे पर उन्हें ब्लैक मेल कर रहा है। रूस चाहता है कि इसके ऐवज में पश्चिमी देश उस पर लगी पाबंदियों को हटा दें।
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