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मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ब्रिटेन के नवनियुक्त विदेश सचिव एलिजाबेथ ट्रस के साथ की बातचीत, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

Neha Dani
18 Sep 2021 8:19 AM GMT
मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ब्रिटेन के नवनियुक्त विदेश सचिव एलिजाबेथ ट्रस के साथ की बातचीत, कई मुद्दों पर हुई चर्चा
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इस हमले में सात बच्चों सहित 10 नागरिकों के मारे जाने के बावजूद उनकी ओर से इसे सही ढंग से अंजाम देने का दावा किया जा रहा था।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को ब्रिटेन के नवनियुक्त विदेश सचिव एलिजाबेथ ट्रस (Elizabeth Truss) के साथ बातचीत की। इस दौरान अफगानिस्तान, चीन और ईरान सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि ब्लिंकन ने ट्रस को उनकी नियुक्ति पर बधाई दी और यूएस-यूके द्विपक्षीय संबंधों के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके अलावा प्रवक्ता ने बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था पर भी बात की।

नेड प्राइस ने बताया कि इस दौरान दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान, चीन जनवादी गणराज्य, ईरान और जलवायु संकट से निपटने के लिए बहुपक्षीय भागीदारी सहित विदेश नीति की साझा प्राथमिकताओं पर भी चर्चा की। बता दें कि यह चर्चा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और दो अन्य देशों के नेताओं ने बुधवार को नवगठित आस्ट्रेलिया-यूके-यूएस (AUKUS) रक्षा साझेदारी समझौता शुरू किया है, जो इंडो-पैसिफिक पर केंद्रित है।
विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता का सामना करने का एक परोक्ष तरीका है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को बड़े पैमाने पर हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर सहित पश्चिमी और मध्य प्रशांत महासागर के क्षेत्र के रूप में देखा जाता है। दक्षिण चीन सागर में चीन के क्षेत्रीय दावों और हिंद महासागर में आगे बढ़ने के उसके प्रयासों को भी चुनौती मिली है।
वहीं पेंटागन ने पिछले महीने अफगानिस्तान (Afghanistan) में कई नागरिकों की जान लेने वाले ड्रोन हमले के मामले में शुक्रवार को अपनी गलती मान ली। उसने घोषणा करते हुए कहा कि एक समीक्षा से पता चला है कि हमले में केवल नागरिक मारे गए थे न कि इस्लामिक स्टेट के आतंकी। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख मरीन जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने पेंटागन के एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह हमला एक गलती थी। 28 अगस्त को हुए इस हमले को पेंटागन के अधिकारी कई दिन तक सही ठहराते रहे थे। इस हमले में सात बच्चों सहित 10 नागरिकों के मारे जाने के बावजूद उनकी ओर से इसे सही ढंग से अंजाम देने का दावा किया जा रहा था।

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