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जीवन संबंधी कोई भी संकेत मिलते हैं तो हम दोबारा साल्दा झील जाएंगे और समानता व अंतर का अध्ययन करेंगे।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) की ओर से मंगल पर जीवन की तलाश में भेजा गया रोवर (पर्सिवेरेंस) दक्षिण-पश्चिम तुर्की स्थित एक झील से प्राप्त डाटा का उपयोग कर रहा है। नासा के मुताबिक साल्दा नामक झील में मिलने वाले खनिज और चट्टानें बिल्कुल वैसी ही हैं, जैसी मंगल के जेजेरो क्रेटर में हैं। 18-19 फरवरी की दरम्यानी रात पर्सिवेरेंस ने मंगल की सबसे खतरनाक सतह जेजेरो क्रेटर पर लैंडिंग की थी। ऐसा माना जाता है कि यहां पर पहले नदी बहती थी।
साल्दा झील से एकत्र की गई जानकारियों से विज्ञानियों को मदद मिल सकती है, क्योंकि वे लाल ग्रह की तलछट में संरक्षित सूक्ष्म जीवन की खोज में जुटे हैं। उनका मानना है कि डेल्टा रहने के दौरान यह आसपास एकत्र हो गए होंगे। नासा के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर फॉर साइंस थॉमस जुर्बुचेन ने बताया है कि एक शक्तिशाली एनालॉग के तौर पर हम साल्दा की मदद ले सकते हैं। अमेरिका और तुर्की के ग्रह विज्ञानियों की एक टीम ने वर्ष 2019 में झील के किनारों का शोध किया था, जिसके बाद इसे तुर्की के मालदीव की संज्ञा दी गई थी। क्योंकि ना केवल इसका पानी नीला है बल्कि इसके किनारे सफेद रेत से पटे पड़े हैं।
विज्ञानियों का मानना है कि माइक्रोब्स की मदद से बनने वाले झील के चारों की ओर तलछट बड़े-बड़े टीलों के चलते मिट गई है। रोवर की कार्यप्रणाली पर नजर रखने वाली विज्ञानियों की टीम यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि क्या जेजेरो क्रेटर सूक्ष्म जीवन है। विज्ञानी कार्बोनेट खनिज के साथ साल्दा झील के तट पर मिलने वाली तलछट के साथ इसकी तुलना भी करेंगे। थॉमस जुर्बुचेन ने कहा कि अगर हमें जीवन संबंधी कोई भी संकेत मिलते हैं तो हम दोबारा साल्दा झील जाएंगे और समानता व अंतर का अध्ययन करेंगे।
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