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1,69,000 से 2,26,000 पुराने निशान
ल्हासा: प्राचीन मानव से जुड़े अवशेष वैज्ञानिकों के लिए किसी खजाने से कम नहीं है. इसी कड़ी में वैज्ञानिकों को तिब्बत में एक चट्टान की सतह पर Immobile Art के सबसे पुराने नमूने मिले हैं.
प्राचीन जीवन के कई रहस्य खुलेंगे
लाखों साल पुराने चट्टानों की सतह पर पड़े ये निशान बेहद अहम हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे प्राचीन जीवन के कई रहस्य खुल सकते हैं.
चीन के ग्वांगझू विश्वविद्यालय और ब्रिटेन के बोर्नमाउथ विश्वविद्यालय के 18 वैज्ञानिकों की एक टीम ने यह खोज की है. इसे पिछले हफ्ते साइंस बुलेटिन में प्रकाशित किया गया है. तिब्बती पठार के क्वेसांग क्षेत्र में चट्टानों की सतह पर पाए जाने वाले हाथ और पैरों के निशानों को Immobile Art कहा जाता है.
1,69,000 से 2,26,000 पुराने निशान
वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में पाया कि ये निशान 1,69,000 से 2,26,000 साल पुराने हो सकते हैं. वैज्ञानिकों ने कहा कि चट्टान की उम्र से पता चलता है कि हाथ और पैरों के निशान हिमयुग के मध्य में बनाए गए थे. इस क्षेत्र में कुल पांच हाथ के निशान और पांच पैरों के निशान पाए गए हैं, जो एक गर्म पानी के झरने के आसपास जमा चूना पत्थरों पर संरक्षित किए गए हैं. इसे ट्रैवर्टीन कहा जाता है.
स्थिर कला' का सबसे पुराना उदाहरण
निशानों के आकार और लंबाई को देखते हुए 18 वैज्ञानिकों के समूह ने अनुमान लगाया कि उन्हें सात से 12 साल की उम्र के बच्चों द्वारा बेहद सावधानीपूर्वक बनाया गया था. रिसर्च में शामिल बोर्नमाउथ विश्वविद्यालय में पर्यावरण और भौगोलिक विज्ञान के प्रोफेसर मैथ्यू बेनेट ने कहा कि निशान सिर्फ चलने से नहीं बने, बल्कि ऐसा लगता है कि ये जानबूझकर बनाए गए हैं. यह 'स्थिर कला' का सबसे पुराना उदाहरण हो सकता है.
हजारों साल से संरक्षित
बेनेट ने आगे कहा कि कोई भी कल्पना कर सकता है कि ये प्राचीन बच्चे गर्म पानी के झरने से बने कीचड़ में खेल रहे थे और अपने हाथ पैर सावधानी से रखते थे. उन्होंने कहा कि उनके हाथ और पैरों के निशान तब से वैज्ञानिकों के लिए हजारों सालों से संरक्षित है. यह कीचड़ ट्रैवर्टीन में बदल गई. वैज्ञानिकों ने इस जगह के कारण खोज को 'अविश्वसनीय' बताया है.
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