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शोधकर्ताओं ने जताई चिंता
ग्रीनलैंड (Greenland Plants Discover) में करोड़ों साल पहले बर्फ के नीचे दबे करीब 55 साल पहले परमाणु बम छिपाने के लिए खोदे गए एक गड्ढे के नमूने से वैज्ञानिकों को 'बहुमूल्य खजाना' मिला है. ग्रीनलैंड में बर्फ के नीचे करीब एक मील गहरे गड्ढे से वैज्ञानिकों को जीवाश्म में बदल चुके पौधे, टहनी और उसकी पत्तियां मिली हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस खोज से यह पता चला है कि करोड़ों साल पहले यहां बर्फ नहीं था.
वैज्ञानिकों ने इस खोज पर चिंता जताई
यूनिवर्सिटी ऑफ वेरमोंट (University of vermont) के वैज्ञानिकों ने इस खोज पर चिंता जताई है. उनका कहना है कि करोड़ों साल से ग्रीनलैंड की बर्फ में दबे होने के बाद भी कुछ वनस्पतियों को देख कर ऐसा लग रहा है जैसे अभी कल ही इनकी मौत हुई है. दरअसल साल 1966 में आइस कोर की यह खुदाई अमेरिकी सेना ने चुपके से कराया था. इस प्रॉजेक्ट को 'प्रॉजेक्ट आइसवर्म' नाम दिया गया था. आपको बता दें कि इस खुदाई का मकसद सोवियत संघ की चोरी से यहां पर सैकड़ों परमाणु बम को छिपाना था.
न्यूयॉर्क, मियामी, ढाका जैसे कई बड़े शहर खत्म हो जाएंगे
गौरतलब है कि अमेरिकी सेना की यह परियोजना सफल नहीं हो पाई और आइस कोर को डेनमार्क में एक फ्रीजर में डालकर उसे सब भूल गए। साल 2017 में इस नमूने की फिर से खोज हुई. वैज्ञानिकों का कहना है कि एक मील नीचे के इन नमूनों से टहनियों और पत्तियों के मिलने से यह पता चलता है कि धरती के इस उत्तरी इलाके में कभी घने जंगल थे।
शोधकर्ताओं ने जताई चिंता
शोधकर्ताओं ने यह जताई चिंता जताई है कि अगर ग्रीनलैंड की पिघली तो दुनिया के कई तटीय शहर डूब जाएंगे. अगर ग्रीनलैंड की बर्फ पिघल गई तो पूरी दुनिया में समुद्र का जलस्तर में 20 फुट बढ़ जाएगा. इससे न्यूयॉर्क, मियामी, ढाका जैसे शहर डूब जाएंगे। हालांकि इस खोज के बाद अब वैज्ञानिक यह आसानी से पता लगा सकेंगे कि ये बर्फ कब तक पिघल सकती है।
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