विश्व
भारत और चीन के बीच रचनात्मक दिशा में बढ़ेगी सैन्य वार्ता, 12 जनवरी को जानें किन मुद्दों पर होगी बात
Apurva Srivastav
10 Jan 2022 5:42 PM GMT
x
कूटनीतिक प्रयासों के बाद भारत और चीन के बीच 12 जनवरी को होने वाली शीर्ष कोर कमांडर स्तर की वार्ता के रचनात्मक दिशा में बढ़ने की उम्मीद है।
कूटनीतिक प्रयासों के बाद भारत और चीन के बीच 12 जनवरी को होने वाली शीर्ष कोर कमांडर स्तर की वार्ता के रचनात्मक दिशा में बढ़ने की उम्मीद है। इसमें पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हाट स्प्रिंग, गोगरा और देपसांग जैसे इलाकों का सैन्य गतिरोध खत्म कर सैनिकों को हटाने के मुद्दे पर अहम बातचीत होगी। भारत और चीन के शीर्ष कमांडरों के बीच एलएसी की तनातनी खत्म करने के लिए 14वें दौर की यह वार्ता चीन के मोल्डो में सुबह साढ़े नौ बजे शुरू होगी।
सैन्य सुरक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों ने सैन्य वार्ता को लेकर भारत का दृष्टिकोण जाहिर करते हुए कहा कि हम सार्थक और रचनात्मक बातचीत की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि एलएसी पर बाकी बचे विवाद का समाधान निकाला जा सके। सैन्य तनातनी के मौजूदा विवाद को लेकर भारत का साफ मानना रहा है कि दोनों पक्षों को एलएसी का सम्मान करते हुए यथास्थिति बनाए रखनी चाहिए।
इतना ही नहीं कोर कमांडर स्तर की वार्ता में भारत लगातार अपने इस रुख पर कायम है कि एलएसी पर अप्रैल-मई 2020 में चीनी अतिक्रमण की घटनाओं से पूर्व की यथास्थिति बहाल की जानी चाहिए। इसमें स्पष्ट रूप से हाट स्पि्रंग, गोगरा और देपसांग प्लेन से चीनी सैनिकों के पीछे हटने पर भारत का जोर है और इसको लेकर ही दोनों देशों के बीच मतभेद है।
इन इलाकों से सैनिकों की वापसी पर दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बनने की वजह से ही पिछले साल 10 अक्टूबर को कोर कमांडरों की 13वें दौर की वार्ता बेनतीजा रही थी। ऐसे में 12 जनवरी को होने वाली वार्ता एलएसी गतिरोध का हल निकालने की अगली दिशा को लेकर बेहद महत्वपूर्ण है।
इसको लेकर दोनों पक्षों की रणनीतिक तैयारी इसी से समझी जा सकती है कि 14वें दौर की वार्ता के लिए नवंबर में सहमति बन जाने के बावजूद दो महीने तक इसकी तारीख तय नहीं हो पाई। इस दरम्यान एलएसी के निकट पैंगोंग झील पर पुल बनाने से लेकर चीन की निर्माण गतिविधियों और गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के नए वर्ष पर कथित वीडियो संदेश की तनाव बढ़ाने वाली हरकतें भी सामने आई।
चीनी सैनिकों की हरकत का जवाब देने के लिए नए साल के पहले दिन भारतीय सैनिकों के गलवन घाटी में तिरंगा लहराने वाली तस्वीर जारी की गई। वहीं विदेश मंत्रालय ने पैंगोंग झील पर चीन के पुल निर्माण को लेकर कहा कि चीन उस इलाके में यह निर्माण कर रहा है, जो पिछले 60 साल से उसके कब्जे में है।
Next Story