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सैन्य प्रमुख जनरल मिन आंग हैंग ने कहा- 18 महीने में फिर नागरिक सरकार लाने का वादा, 13 पुलिस कर्मियों की मौत

Tara Tandi
23 May 2021 12:16 PM GMT
सैन्य प्रमुख जनरल मिन आंग हैंग ने कहा- 18 महीने में फिर नागरिक सरकार लाने का वादा, 13 पुलिस कर्मियों की मौत
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म्यांमार के सैन्य प्रमुख सीनियर जनरल मिन आंग हैंग ने कहा है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | म्यांमार के सैन्य प्रमुख सीनियर जनरल मिन आंग हैंग ने कहा है कि वह एक फरवरी को किए तख्तापलट के बाद अब यहां नागरिक शासन लाना चाहते हैं। अगर परिस्थितियों ने साथ दिया तो 12 या 18 महीनों के अंदर ही फिर से नागरिक शासन लाया जा सकेगा। सीनियर जनरल मिन आंग हैंग ने शनिवार को विदेशी मीडिया को दिए अपने पहले साक्षात्कार में हालांकि यह नहीं बताया कि नागरिक सरकार स्थापित करने के लिए वह चुनाव कब कराएंगे।

कुछ समय के लिए ही सैन्‍य शासन

म्यांमार के सैन्य शासक ने कहा कि उनका सैन्य शासन लाने का मकसद देश में बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ केंद्रीय शासन लाना था। उन्होंने यह जताने की कोशिश की कि म्यांमार में कुछ समय के लिए ही वह सैन्य शासन लाए हैं। ताकि वह तब तक तख्तापलट के विरोधियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ अपनी समझ बेहतर कर लें।

नागरिकों के मारे जाने की रिपोर्टों को किया खारिज

हालांकि उन्होंने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया कि सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 800 से अधिक नागरिक मारे गए हैं। मारे गए लोगों की यह संख्या म्यांमार के एक मानवाधिकार संगठन ने बताई थी।

ईयू ने नहीं मानी जुंटा की योजना

यूरोपीय संघ ने म्यांमार के जुंटा के नियुक्त किए गए चुनाव आयुक्त के प्रस्ताव को नामंजूर करते हुए कहा कि नेशनल लीड आफ डेमोक्रेसी (एनएलडी) की अपदस्थ नेता आंग सान सू की पार्टी को भंग करने की मांग नहीं मानी जाएगी।

हमले में 13 पुलिसकर्मियों की मौत

इस बीच, म्यांमार के मोबे कस्बे में स्थानीय प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस स्टेशन पर हमला करके 13 पुलिस कर्मियों को मार दिया है और चार को बंधक बना लिया है।

नेताओं को किया नजरबंद

उल्लेखनीय है कि विगत एक फरवरी को म्यांमार की सेना ने लोकतांत्रिक सरकार को अपदस्थ करके सत्ता पर कब्जा कर लिया था। उनका कहना था कि पिछले साल आठ नवंबर को हुए चुनावों में धांधली हुई है। राज्य प्रशासक आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत सभी वरिष्ठ अधिकारियों को चुनाव में धांधली का आरोपित बताते हुए उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है।

सवा लाख शिक्षकों को नौकरी से निकाला

इस बीच, म्यांमार में सवा लाख अध्यापक और अध्यापिकाओं को नौकरी से निकाल दिया गया है। सैन्य शासन ने उन्हें यह सजा सैन्य तख्तापलट का विरोध करने के लिए नागरिक अवज्ञा आंदोलन में शामिल होने के लिए दी है। म्यांमार अध्यापक संघ ने बताया कि इन शिक्षकों का निलंबन नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही कर दिया गया था। अब इन्हें नौकरी से निकाल भी दिया गया है।

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