जनता से रिश्ता वेबडेस्क| की तालिबान और अफगान वार्ताकारों से मुलाकात अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने दोहा में अफगान सरकार और तालिबान के वार्ताकारों से मुलाकात की। पोंपियो ने उनकी रुकी हुई वार्ता के आगे बढ़ने के संकेतों और हिंसा बढ़ने के बीच यह वार्ता की। हिंसा बढ़ने से युद्धग्रस्त देश में शांति स्थापित करने की कोशिशों को नुकसान पहुंचा है। अमेरिका ने हाल में घोषणा की थी कि वह अगले साल 15 जनवरी तक अफगानिस्तान और इराक में अमेरिकी बलों की संख्या को कम करके 2,500-2,500 करेगा। इस घोषणा के बाद से यह तालिबान और अफगान प्रतिनिधियों के साथ किसी शीर्ष अमेरिकी राजनयिक की पहली वार्ता है। अफगानिस्तान में इस समय अमेरिका के 4,500 से अधिक जवान हैं।
वार्ता में हुई प्रगति के लिए दोनों पक्षों की सराहना की
पोंपियो ने ट्वीट किया, 'दोहा में तालिबान और अफगानिस्तान के वार्ताकार दलों से मुलाकात की। मैं वार्ता जारी रखने और वार्ता में की गई प्रगति के लिए दोनों पक्षों की सराहना करता हूं। मैं राजनीतिक खाके और स्थायी एवं समग्र संघर्ष विराम के लिए वार्ता आगे बढ़ाने को प्रोत्साहन देता हूं।' पोंपियो ने दोहराया कि अफगानिस्तान के लोग 40 साल से युद्ध और रक्तपात सहने के बाद अब शांति एवं सुरक्षा के साथ जीने की उम्मीद करते हैं और वे इसके हकदार हैं। उन्होंने कतर के विदेश मंत्री अल थानी से भी मुलाकात की और उनके साथ द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मामलों पर चर्चा की। पोंपियो ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'हम अफगान शांति वार्ता के मेजबान के तौर पर कतर के जारी सहयोग की सराहना करते हैं। खाड़ी का एकजुट होना क्षेत्र में ईरान के दुष्ट प्रभाव से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है।
फरवरी में हुआ था समझौता
अमेरिका ने अफगानिस्तान में संघर्ष समाप्त करने के संबंध में फरवरी में तालिबान के साथ एक समझौता किया था। अफगान सरकार और तालिबान के वार्ताकार शांति समझौता करने के लिए नियमित आधार पर दोहा में मुलाकात कर रहे हैं, लेकिन इस दिशा में अभी कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। इस बीच, अफगानिस्तान में हालिया महीनों में हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं।