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सबसे बड़े राज्‍य कैलिफोर्निया में होने वाले हैं मिडटर्म चुनाव, जिसमें 46 लोगों का सामना करेगा 1 अकेला उम्मीदवार

Neha Dani
13 Sep 2021 9:08 AM GMT
सबसे बड़े राज्‍य कैलिफोर्निया में होने वाले हैं मिडटर्म चुनाव, जिसमें 46 लोगों का सामना करेगा 1 अकेला उम्मीदवार
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इस भत्‍ते की वजह से कैलिफोर्निया के लोगों पर बहुत आर्थिक बोझ पड़ा है.

अमेरिका के सबसे बड़े राज्‍य कैलिफोर्निया में मिडटर्म चुनाव होने वाले हैं. 14 सितंबर को इन चुनावों पर करीब 280 मिलियन डॉलर का खर्चा आने वाला है. इस राज्‍य में डेमोक्रेटिक पार्टी के गर्वनर गैविन न्‍यूसोम की कुर्सी खतरे में आ गई है. साल 2018 में यहां पर चुनाव हुए थे और उस समय न्‍यूसोम को विशाल बहुमत हासिल हुआ था. मगर अब न्‍यूसोम की स्थिति बिगड़ी हुई है.विशेषज्ञ मान रहे हैं कि राष्‍ट्रपति बाइडेन की गलतियों का नतीजा, न्‍यूसोम को भुगतना पड़ेगा.

कैलिफोर्निया दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था का हिस्‍सा है. यहां पर कई लीडिंग कंपनियों के हेडक्‍वार्ट्स हैं. गैविन न्‍यूसोम का कार्यकाल अगले साल खत्‍म हो रहा था मगर उससे पहले ही यहां होने वाले चुनावों ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. हालांकि उन्‍हें इस बात का पूरा भरोसा है कि वो चुनावों में जीत हासिल करेंगे. सैन फ्रांसिस्‍को में जन्‍में गैविन को मंगलवार को रिकॉल वोट का सामना करना है. कैलिफोर्निया में यह दूसरा मौका जब वोटर्स ये तय कर सकें कि गर्वनर को उनके पद पर बने रहना चाहिए या नहीं.

46 उम्‍मीदवारों ने दायर किए नाम
बहुत समय पहले से ही कई वोटर्स ने अपने बैलेट्स को भेजना शुरू कर दिया था. इसमें दो सवाल वोटर्स से पूछे गए थे- क्‍या डेमोक्रेटिक पार्टी के गर्वनर गैविन न्‍यूसोम को हटा देना चाहिए? अगर हां तो उनकी जगह किसे इस पद पर नियुक्‍त करना चाहिए? जो चुनाव हो रहे हैं उसमें अपनी किस्‍मत आजमाने के लिए किसी भी उम्‍मीदवार को 4,200 डॉलर का शुल्‍क अदा करना होता है. रिकॉल चुनावों की एक्‍सपर्ट जोशुआ स्पिवाक ने बताया कि करीब 46 उम्‍मीदवारों ने इन चुनावों के लिए अपना नाम दायर किया है.
अरनॉल्‍ड ऐसे ही बने थे गर्वनर
साल 2003 में हॉलीवुड के मेगा स्‍टार और टर्मिनेटर जैसी फिल्‍मों में काम कर चुके अरनॉल्‍ड श्‍वाजनेगर इसी प्रक्रिया के तहत गर्वनर बने थे. वो इस राज्‍य के आखिरी रिपब्लिकन गर्वनर थे और इसके बाद से ही यहां पर डेमोक्रेटिक पार्टी का कब्‍जा रहा है. रिकॉल वोट में बैलेट को कुल वोटर्स में से 12 फीसदी के साइन जरूरी होते हैं. जिसमे से पांच अहम बड़ी काउंटीज (गांवों) में रहने वाले वोटर्स के साइन भी जरूरी होते हैं. जब वोटिंग की तारीख तय हो जाती है तो इससे 59 दिन पहले उन उम्‍मीदवारों को अपना नाम देना होना होता है जो मौजूदा गर्वनर की जगह लेंगे.
जीतने के बाद भी होगी हार
न्‍यूसोम की अप्रूवल रेटिंग्‍स अच्‍छी हैं मगर कई विशेषज्ञों की मानें तो उनकी राह मुश्किल है. ऐसे बैलेट्स जिनमें ये सवाल पूछा गया है कि क्‍या न्‍यूसोम को हटा देना चाहिए, इसमें उन्‍हें आधे से ज्‍यादा वोट हासिल करने की जरूरत है. न्‍यूसोम के सामने सभी 46 उम्‍मीदवार रिपब्लिकन पार्टी के हैं. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के गर्वनर जिम न्‍यूटन ने कहा है कि इस तरह के चुनावों में किसी रिपब्लिकन का जीतना बहुत मुश्किल है.
यह आगे आने वाले समय में गर्वनर बनने के लिए एक आसान रास्‍ता जरूर हो सकता है. जिम न्‍यूटन की मानें तो इस बात की 49 फीसदी तक संभावना है कि न्‍यूसोम जीत जाए मगर इस बात की भी आशंका है कि वो उस उम्‍मीदवार से हार जाएं जिसे 18 से 19 फीसदी ही वोट मिले हैं. उन्‍होंने रिकॉल वोट में इस तरह की वोटिंग को सबसे बड़ी कमी बताया है.
क्‍यों हो रहे हैं कैलिफोर्निया में चुनाव
अमेरिकी मीडिया के मुताबिक पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से प्रभावित होकर, न्‍यूसोम के खिलाफ 5 रिकॉल पीटिशन फाइल की गई थीं. इन सभी को खारिज कर दिया गया था. मगर जब छठी याचिका उनके खिलाफ दायर की गई तो फिर रिकॉल वोट की मंजूरी मिली. इस याचिका को रिटायर्ड शेरिफ के सार्जेंट ओरिन हितले और कैलिफोर्निया के उनके साथी की तरफ से दायर किया गया था.
52 साल के ऑरिन ने एक पुराने वीडियो के आधार पर न्‍यूसोम के खिलाफ याचिका दायर की थी. इसमें न्‍यूसोम कुछ अप्रवासियों को निर्देश देते हुए नजर आ रहे थे कि कि वो किसी भी पुलिस ऑफिसर के लिए दरवाजा तब तक न खोलें जब तक कि उसके पास वॉरेन्‍ट न हो. ओरिन ने इसे पुलिस वालों के लिए बेइज्‍जती माना था.
बढ़ सकती हैं न्‍यूसोम की मुश्किलें
न्‍यूसोम को कोरोना वायरस महामारी के दौरान में राष्‍ट्रपति बाइडेन की तरह फायदा मिलने की उम्‍मीद है. लेकिन उनकी खुद की छवि बेहद खराब है. बिना मास्‍क की उनकी एक फोटोग्राफ वायरल हो गई थी जिसकी वजह से उन्‍हें नुकसान हो सकता है. उस समय उन पर कोविड प्रोटोकॉल को तोड़ने का फायदा मिला था. न्‍यूसोम को लेकर कैलिफोर्नियों के लोगों में खासी नाराजगी है.
लोग उनसे इस बात को लेकर नाराज है कि राज्‍य में लोगों के पास रहने को घर नहीं है मगर वो कुछ नहीं कर पा रहे हैं. साथ ही महंगाई बढ़ती जा रही है. वहीं कोविड राहत के नाम पर बेरोजगारी के लिए जो भत्‍ता दिया गया उसमें भी बहुत धोखाधड़ी हुई. इस भत्‍ते की वजह से कैलिफोर्निया के लोगों पर बहुत आर्थिक बोझ पड़ा है.


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