विश्व

पहली बार अजन्मे बच्चे की नाल तक पहुंचे माइक्रोप्‍लास्टिक, खुलासे के बाद वैज्ञानिक हुए हैरान

Triveni
26 Dec 2020 7:11 AM GMT
पहली बार अजन्मे बच्चे की नाल तक पहुंचे माइक्रोप्‍लास्टिक, खुलासे के बाद वैज्ञानिक हुए हैरान
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धरती के हर कोने तक पहुंच चुका माइक्रोप्‍लास्टिक (Microplastics) अब दुनिया में पहली बार शोधकर्ताओं को अजन्‍मे बच्‍चे की नाल में भी मिला है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| रोम:धरती के हर कोने तक पहुंच चुका माइक्रोप्‍लास्टिक (Microplastics) अब दुनिया में पहली बार शोधकर्ताओं को अजन्‍मे बच्‍चे की नाल में भी मिला है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अजन्‍मे बच्‍चे की नाल तक माइक्रोप्‍लास्टिक का पहुंचना 'असाधारण चिंता का विषय' है। अजन्‍मे बच्‍चे की नाल का निर्माण गर्भवस्‍था के दौरान गर्भाशय में होता है। इस नाल के जरिए ही बच्‍चे को पेट के अंदर ऑक्‍सीजन और भोजन मिलता है और अपशिष्‍ट पदार्थ बाहर निकलते हैं।

जर्नल एन्वाइरमेंट इंटरनैशनल में प्रकाशित‍ शोध में शोधकर्ताओं ने यह खुलासा किया है। माइक्रोप्‍लास्टिक का स्‍वास्‍थ्‍य पर क्‍या प्रभाव पड़ता है, इसका पता अभी नहीं चल पाया है लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि ये माइक्रोप्‍लास्टिक ऐसे रसायनों को ले जा सकते हैं जो बच्‍चे को लंबे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है या भ्रूण के इम्‍यून सिस्‍टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कॉस्‍मेटिक्‍स से नाल तक पहुंचे माइक्रोप्‍लास्टिक

शोध में कहा गया है कि चार स्‍वस्‍थ महिलाओं के नाल में यह माइक्रो प्‍लास्टिक मिला है और ये महिलाएं गर्भावस्‍था के दौरान सामान्‍य रहीं और उन्‍होंने सामान्‍य तरीके से बच्‍चे को जन्‍म दिया। उन्‍होंने बताया कि माइक्रो प्‍लास्टिक बच्‍चे की ओर के नाल के हिस्‍से और मां की ओर के नाल के हिस्‍से में पाया गया है। साथ ही उस झिल्‍ली में भी माइक्रोप्‍लास्टिक मिला है जहां पर भ्रूण का विकास होता है।
इस दौरान एक दर्जन से प्‍लास्टिक मिला है। हालांकि शोधकर्ताओं ने केवल 4 प्रतिशत नाल का ही अध्‍ययन किया था। इससे पता चलता है कि नाल के अंदर माइक्रोप्‍लास्टिक की संख्‍या कहीं ज्‍यादा हो सकती है। अध्‍ययन में जो प्‍लास्टिक मिले हैं वे नीले, लाल, नारंगी और गुलाबी हैं और मूल रूप से ये पैकेजिंग, पेंट या कॉस्‍मेटिक्‍स और पर्सनल केयर प्रॉडक्‍ट से नाल तक पहुंचे थे। ये सभी माइक्रो प्‍लास्टिक 10 माइक्रान के थे और आसानी से खून के रास्‍ते जा सकते थे। ये प्‍लास्टिक बच्‍चों के शरीर में भी गए होंगे लेकिन शोधकर्ता इसका पता नहीं लगा सके।


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