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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोविड का टीका लगने के बाद अनियमित माहवारी झेल चुकीं सोन्या अंगेलिका डीन को अब थोड़ा भरोसा जगा है कि उन पर जो बीती थी उसकी तसदीक वैज्ञानिक तौर पर भी हो गई है. लेकिन इसमें इतना लंबा समय कैसे लगा?कोविड का टीका लगाने के विश्वव्यापी आह्वानों के बीच, सेहत से जुड़े कुछ नाजुक मुद्दों और साइड इफेक्ट की परवाह भी नहीं की गई. माहवारी ऐसा ही एक विषय है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय अध्ययन ने टीकाकरण के अंध-समर्थकों और चिकित्सा विशेषज्ञों की आंखें खोल दी हैं. कोविड-19 का टीकाकरण शुरू होने के बाद, ऐसी घटनाएं सामने आने लगीं जिनमें पता चला कि कुछ औरतों को टीका लगने के बाद मासिक चक्र में बदलाव का अनुभव हो रहा था. लंबे समय से इस पर मीडिया का ध्यान नहीं गया और बहुत सारे चिकित्सा विशेषज्ञ जनता को ये विश्वास दिलाते रहे कि कोविड टीकों से ऐसे कोई साइड अफेक्ट नहीं होते हैं. ऐसी घटनाएं सिर्फ आपसी बातचीत, इंटरनेट फोरमों और सोशल मीडिया तक ही सीमित रह गईं. मुझे बायोनटेक-फाइजर का पहला टीका गर्मियों में लगा था. वैसे तो कुछ लोगों ने मुझे बताया था कि टीका लगने के बाद वे कितना बीमार महसूस कर रहे थे, लेकिन मुझे तसल्ली थी कि मेरे साइड अफेक्ट हल्के-फुल्के ही थे. एक महीने बाद, मुझे दूसरा टीका लगा और उसके बाद मैं अपने परिवार के साथ छुट्टियों पर निकल गईं. यात्रा की शुरुआत में ही मेरे पीरियड आ जाने चाहिए थे. एक दिन मुझे काफी ज्यादा ब्लीडिंग हुई, अगले दिन एक बूंद भी नहीं. फिर एक सप्ताह से ज्यादा समय तक यानी करीब करीब पूरी छुट्टियों के दौरान मेरा खून बहता रहा. ब्लीडिंग बहुत ज्यादा हो रही थी और दर्द भी ज्यादा हो रहा था.