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अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के लिए नहीं होने दिया जाएगा।
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को आश्वासन दिया है कि वह काबुल के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा। अनादोलु एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के साथ हुई बैठक के दौरान, पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उनका देश अफगानिस्तान को मानवीय संकट से निपटने में मदद करने के प्रयास जारी रखेगा।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए अपने देश की प्रतिबद्धता के बारे में बोलते हुए, कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान अफगाान लोगों के सामने आने वाली कठिन परिस्थितियों के बीच देश को मानवीय सहायता और आर्थिक सहायता प्रदान करने के अपने प्रयास जारी रखेगा।
बयान में कहा गया, 'विदेश मंत्री कुरैशी ने सभी क्षेत्रों में अफगानिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के पाकिस्तान के संकल्प की पुष्टि की और इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान में शांति, क्षेत्रीय स्थिरता को मजबूत करने, आर्थिक गतिविधि एवं कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में पाकिस्तान मदद करेगा।'
बुधवार को एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मुत्ताकी इस्लामाबाद पहुंचे थे। गुरुवार को मुत्ताकी ने इस्लामाबाद में ट्रोइका प्लस बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक से इतर उन्होंने अफगानिस्तान के लिए चीन, रूस, पाकिस्तान और अमेरिका के विशेष प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की।
आइएस के खतरे को हल्के में ले रही तालिबान सरकार
तालिबान के नेतृत्व वाली अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने इस्लामिक स्टेट (आइएस) के खतरे को हल्के में लेते हुए कहा कि सुरक्षा बलों ने पिछले तीन महीनों में आइएस के करीब 600 आतंकियों को गिरफ्तार किया है।शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने तालिबान के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद के हवाले से कहा, 'सुरक्षा बलों ने काबुल, नांगरहार व हेरात आदि प्रांतों में स्थित आइएस के 21 ठिकानों को नष्ट किया है। अफगानिस्तान के लोग आइएस का समर्थन नहीं करते। आतंकी संगठन को खत्म करने का अभियान जारी रहेगा।' तालिबान को यह बयान इसलिए देना पड़ा है, क्योंकि अमेरिका व उसके सहयोगी अफगानिस्तान में आइएस व अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों की मौजूदगी से चिंतित हैं। एक सवाल के जवाब में मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान अपने पड़ोसियों से अच्छे रिश्तों को महत्व देता है। अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के लिए नहीं होने दिया जाएगा।
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