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नेपाल के PM ओली और चीनी राजदूत के बीच हुई मुलाका, राजनीतिक संकट में चीन दे रहा है दखल

Neha Dani
18 Nov 2020 9:18 AM GMT
नेपाल के PM ओली और चीनी राजदूत के बीच हुई मुलाका, राजनीतिक संकट में चीन दे रहा है दखल
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नेपाल की सत्तारूढ़ पार्टी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) के भीतर एक बार फिर सत्ता को लेकर घमासान बढ़ गया है।

जनता स रिश्ता वेबडेस्क| नेपाल की सत्तारूढ़ पार्टी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) के भीतर एक बार फिर सत्ता को लेकर घमासान बढ़ गया है। इसी बीच नेपाल में चीनी राजदूत हाओ यांकी ने मंगलवार देर शाम प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मुलाकात की। दोनों के बीच लगभग दो घंटे तक बातचीत हुई। पीएम आवास और सचिवालय के अंदर के सूत्रों ने इस मुलाकात की पुष्टि की।

पीएम सचिवालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि चीनी राजदूत कल देर शाम यहां आईं थीं और उन्होंने प्रधानमंत्री ओली के साथ लगभग दो घंटे तक चर्चा की। बालुवाटार के अंदर एक अन्य सूत्र ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यांकी और ओली ने सत्तारूढ़ पार्टी के एकीकरण प्रक्रिया और पार्टी के अंदर चल रही तनातनी को हल करने को लेकर चर्चा की।

सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर बुधवार दोपहर को होने वाली सचिवालय की बैठक को लेकर मतभेद बढ़ गया है। ओली ने बैठक को स्थगित करने के लिए सह-अध्यक्ष पुष्प कमल दहल को एक प्रस्ताव भेजा है, जबकि दहल दोपहर बाद बैठक के आयोजन पर अडिग हैं। एनसीपी के नौ सदस्यीय सचिवालय में से पांच सदस्य दहल , माधव नेपाल, झाल नाथ खनाल, बामदेव गौतम, और नारायण काजी श्रेष्ठ बैठक के लिए दबाव डाल रहे हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ बिष्णु पोडेल, ईश्वर पोकेल और राम बहादुर थापा बैठक को स्थगित करना चाहते हैं।

स्थानीय समय दोपहर 1 बजे होने वाली बैठक को टालने के लिए, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है। कैबिनेट के एक मंत्री ने कहा, 'मुझे कैबिनेट बैठक में भाग लेने के लिए आज दोपहर एक बजे से पहले पीएम आवास पहुंचने की सूचना दी गई है। यह बैठक सोमवार को नहीं बुलाई जा सकी थी। इसलिए यह आज बुलाई गई है।' ओली ने सचिवालय की बैठक को रद कराने के लिए बिष्णु पोडेल को दहल के पास भेजा था। सचिवालय की बैठक के पिछले दौर में, दहल ने एक दस्तावेज पेश किया था। उन्होंने ओली की गतिविधियों को 'अक्षम्य' करार दिया था और उन्हें पद के लिए अनुपयुक्त करार देते हुए उनके इस्तीफे की मांग की थी।

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