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मेडिकल सर्जरीखराब कर रही है पृथ्वी की सेहत, जानें कैसे

Gulabi Jagat
8 Jun 2022 2:52 PM GMT
मेडिकल सर्जरीखराब कर रही है पृथ्वी की सेहत, जानें कैसे
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पृथ्वी की सेहत खराब
एएनआइ। आज के दौर में घुटने का प्रत्यारोपण या उसे बदलवाना साधारण सी बात है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस प्रक्रिया से पृथ्वी को काफी नुकसान होता है? यह बात है तो चौंकाने वाली लेकिन रहस्योद्घाटन यूनिवर्सिटी आफ पीट्सबर्ग ने एक शोध में किया है। इस शोध के मुताबिक, घुटने का प्रत्यारोपण इंसान की जिंदगी को तो सहज बना देता है लेकिन इस प्रक्रिया से करीब 30 पाउंड कचरा निकलता है, जिसमें से आधा बायोहजार्ड (जैविक तौर पर खतरनाक) होता है, जो पृथ्वी के लिए बेहद हानिकारक है। सिर्फ घुटने का प्रत्यारोपण ही नहीं बल्कि कई अन्य बीमारियों का इलाज भी पृथ्वी की सेहत को खराब करता है।
जैसे, दुनिया में बड़ी संख्या उन लोगों की है, जो आंखों में मोतियाबिंद की समस्या से परेशान हैं। इसके लिए वे सर्जरी कराते हैं। शोध के मुताबिक, मोतियाबिंद का आपरेशन भले ही लोगों की जिंदगी रोशन करती है लेकिन इस सर्जरी के दौरान 181.8 किलोग्राम कार्बन निकलता है, जो एक कार के 315 मील चलाने में निकलने वाले कार्बन के बराबर है।
हालांकि, अमेरिका में स्वास्थ्य सेवा सबसे बड़े सेक्टरों में से एक है। लेकिन इससे पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ते हैं, इस पर कोई नजर नहीं डालता। माना जाता है यह कि देश में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी इसकी है। यही नहीं, किसी एक अस्पताल में से जितना कचरा निकलता है, उसमें से 20 से 33 प्रतिशत कचरा सिर्फ आपरेशन थिएटर का होता है। दरअसल, अभी शोधकर्ता सिर्फ इस बात को समझने की कोशिश कर रहे हैं कि स्वास्थ्य क्षेत्र से पर्यावरण को कितना नुकसान होता है।
मस्कारो सेंटर फार सस्टेनेबल इनोवेशन की सह-निदेशिका और सिविल और पर्यावरण इंजीनियरिंग की विलियम केपलर व्हाइटफोर्ड प्रोफेसर तथा अध्ययन की सह-लेखिका मेलिसा बिलेक ने कहा कि सर्जिकल सूट पर्यावरण पर काफी असर डालते हैं। इसका कारण यह है कि इसके कई सारे उपकरण सिर्फ एक बार ही उपयोग में लाए जा सकते हैं, जैसे गाउन, ग्लब्स और कई सर्जिकल उपकरण इसमें शामिल होते हैं।
मेलिसा बिलेक ने कहा, हम अभी सिर्फ इस खोज की शुरुआत में हैं कि इसका पृथ्वी पर क्या असर पड़ता है। हम जानते हैं कि अभी इसमें और ज्यादा शोध करने की बेहद जरूरत है। आमतौर पर अर्थव्यवस्था का फोकस वस्तुओं और सामग्रियों को जीवनचक्र में चलाए रखने पर होता है ना कि उसे एकत्र कर, उसको लैंडफिल में स्थानातंरित करने पर होता है।
यूपीएमसी आर्थोपेडिक सर्जरी स्पो‌र्ट्स मेडिसन फेलो और सह-लेखक इयान एंगलर तथा एंड्रयू कर्ली ने कहा, प्रत्येक साल आर्थोपेडिक सर्जरी का जलवायु परिवर्तन पर व्यापक प्रभाव को देखते हुए हमारा मानना है कि प्रत्येक क्षेत्र को अधिक टिकाऊ बनने में अपनी भूमिका पर विचार करना चाहिए। इस अध्ययन से आर्थोपेडिक क्षेत्र का पृथ्वी पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने में मदद मिली है।
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