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पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों को छिपाती है यहां की मीडिया

Subhi
7 Sep 2021 1:41 AM GMT
पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों को छिपाती है यहां की मीडिया
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पाकिस्तान में मानव अधिकारों की खराब हालत के बारे में अंतरराष्ट्रीय संस्थान अक्सर चिंता जाहिर करते आए हैं

पाकिस्तान में मानव अधिकारों की खराब हालत के बारे में अंतरराष्ट्रीय संस्थान अक्सर चिंता जाहिर करते आए हैं। अब पाकिस्तान के अंदर से भी इस मसले पर आवाज उठने लगी हैं। मानव अधिकारों की पैरोकारी करने वाले पाकिस्तान आधारित एक समूह का दावा है कि स्थानीय मीडिया संस्थान देश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों को छिपाते हैं।

बीते छह माह में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 6,754 महिलाओं को अगवा किया गया
सस्टेनेबल सोशल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (एसएसडीओ) के हवाले से समाचार पत्र डॉन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते छह माह में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 6,754 महिलाओं को अगवा किया गया 1,890 के साथ दुष्कर्म किया गया, जबकि 3,721 हिंसा के मामले दर्ज किए गए।
इसके अलावा बच्चों से दुर्व्यवहार के 752 मामले सामने आए। वहीं, इस्लामाबाद में इस दौरान 34 महिलाओं से दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए, जिनमें से महज 27 को मीडिया ने रिपोर्ट किया।
लाहौर में दर्ज किए गए सबसे ज्यादा मामले
रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब प्रांत में महिलाओं के साथ दुष्कर्म, अपहरण, घरेलू हिंसा के सबसे ज्यादा मामले लाहौर में दर्ज किए गए। एसएसडीओ के निदेशक शाहिद जटोई ने कहा कि इस तरह के मामलों को मीडिया में तरजीह नहीं मिलना बेहद चिंताजनक है। मीडिया में इन मामलों की कम रिपोर्टिंग का सीधा अर्थ यही है कि समाज के तौर पर लोग मानवाधिकारों को तवज्जो नहीं दे रहे हैं।
मानवाधिकार आयोग भी जता चुका है चिंता
इसी वर्ष की शुरुआत में पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में देश में महिलाओं की बेहद चिंताजनक तस्वीर पेश की थी। इसके अलावा रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, जबरन धर्म परिवर्तन, बाल विवाह व धार्मिक अत्याचारों सहित उन तमाम मुद्दों को उठाया था जिनसे समाज के कमजोर तबके प्रभावित हैं।


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