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नेपाल में एमसीसी समझौते को मिली मंजूरी

Renuka Sahu
28 Feb 2022 5:56 AM GMT
नेपाल में एमसीसी समझौते को मिली मंजूरी
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फाइल फोटो 

नेपाल की संसद ने रविवार को मुख्य विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल के विरोध के बीच अमेरिका द्वारा वित्तपोषित 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर के विवादास्पद अनुदान समझौते का अनुमोदन कर दिया.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नेपाल (Nepal) की संसद ने रविवार को मुख्य विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल के विरोध के बीच अमेरिका द्वारा वित्तपोषित 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर के विवादास्पद अनुदान समझौते का अनुमोदन कर दिया. वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा ने मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन (Millennium Challenge Corporation) समझौते का प्रस्ताव व्याख्यात्मक घोषणा के साथ प्रतिनिधि सभा में पेश किया. अध्यक्ष अग्नि प्रसाद सपकोटा ने मुख्य विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल के विरोध के बावजूद ध्वनि मत से एमसीसी (MCC Agreement) के अनुमोदन की घोषणा की.

सपकोटा ने कहा, 'मैं घोषणा करता हूं कि मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन समझौते और इसकी व्याख्यात्मक घोषणा को बहुमत से मंजूरी दी गई है.' इसके बाद उन्होंने सदन को दो मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया. समझौते को गत 20 फरवरी को सदन में अनुमोदन के लिए पेश किया गया था. अमेरिकी सरकार ने अनुदान परियोजना का अनुमोदन करने के लिए 28 फरवरी की समयसीमा तय की थी. इससे पहले दिन में, सीपीएन-यूएमएल के उन सांसदों द्वारा नारेबाजी के बीच प्रस्ताव पर विचार-विमर्श हुआ, जो अपनी मांगों को लेकर पिछले छह महीनों से संसद की बैठकों को लगातार बाधित कर रहे हैं.
सीपीएन (माओवादी सेंटर) ने किया बचाव
सीपीएन (माओवादी सेंटर) के मुख्य सचेतक देव प्रसाद गुरुंग ने कहा कि एमसीसी समझौते को नेपाल की संप्रभुता का उल्लंघन किए बिना और नेपाल के संविधान और कानून का उल्लंघन किए बिना केवल आर्थिक परियोजना के रूप में आगे बढ़ाया जाना चाहिए. सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राम चंद्र पौडेल ने कहा कि पार्टी ने एमसीसी का समर्थन करने का फैसला किया है और समझौते के साथ एक व्याख्यात्मक घोषणा संलग्न की जाएगी. उन्होंने कहा कि घोषणा में यह बयान शामिल होगा कि एमसीसी हिंद-प्रशांत रणनीति का हिस्सा नहीं है, नेपाल का संविधान एमसीसी के किसी भी प्रावधान से ऊपर होगा और देश इसे विशुद्ध रूप से आर्थिक सहायता के रूप में देखेगा.
सीपीएन-यूएमएल नेता ने किया विरोध
सीपीएन-यूएमएल नेता भीम रावल ने सांसदों से एमसीसी समझौते के 'देशविरोधी होने के कारण' इसे खारिज करने का आह्वान किया. रावल ने निचले सदन में समझौते पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा, 'संसद में एमसीसी पेश करना देश का अपमान है. यह देश और लोगों के साथ विश्वासघात है। जो लोग इसका समर्थन करेंगे वे राष्ट्रीय देशद्रोही होंगे.' उन्होंने कहा कि नेपाल की स्वतंत्रता, राष्ट्रीयता और संप्रभुता को नुकसान होगा और इसका अनुमोदन नहीं किया जाना चाहिए. नेपाल के प्रधानमंत्री एवं सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस के प्रमुख शेर बहादुर देउबा ने इससे पहले संसद से परियोजना के अनुमोदन के संबंध में अन्य दलों के साथ राजनीतिक परामर्श किया.
2017 में हुए थे समझौते पर हस्ताक्षर
नेपाल और अमेरिका ने 2017 में एमसीसी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसका उद्देश्य नेपाल के बुनियादी ढांचे जैसे विद्युत पारेषण लाइनों का निर्माण और राष्ट्रीय राजमार्गों का सुधार करना है. एमसीसी 2004 में अमेरिकी कांग्रेस द्वारा स्थापित एक द्विपक्षीय अमेरिकी विदेशी सहायता एजेंसी है. एमसीसी समझौते के तहत अमेरिकी अनुदान सहायता को स्वीकार करना है या नहीं, इस पर नेपाल के राजनीतिक दलों में मतभेद थे. अमेरिका के नेपाल में प्रवेश करने से चीन चौकन्ना है, जहां उसका कई वर्षों से मार्क्सवादी दलों पर प्रभाव है. वर्तमान में, नेपाली कांग्रेस काठमांडू में सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व कर रही है जिसमें प्रमुख वाम दल शामिल हैं.

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