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हैरानी की बात यह कि तब इस तरह के बयान देने के लिए प्रधानमंत्री ने उन्हें रोका या सवाल नहीं किया।
पाकिस्तान में खैबर लखतूनख्वा प्रांत के नौशेरा जिले में महिलाओं की शिक्षा के खिलाफ 'भड़काऊ' भाषण देने पर गिरफ्तार मौलवी को जमानत पर रिहा कर दिया गया। गुरुवार को अपनी रिहाई के बाद मौलवी मुफ्ती सरदार अली हक्कानी ने सैकड़ों छात्रों के जुलूस का नेतृत्व किया और नोजेरा कलां के वजीराबाद में अपने मदरसे में पहुंचा।
जिला पुलिस अधिकारी मुहम्मद इकबाल के अनुसार मुफ्ती सरदार अली हक्कानी ने विभिन्न विभागों में महिला शिक्षा और उनके रोजगार के खिलाफ 'उत्तेजक' भाषण दिया था । इनमें डॉक्टर, नर्स और अन्य पेशे भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि उनके विवादास्पद भाषण के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद मौलवी को गिरफ्तार किया गया था।
आरोपी को न्यायिक मजिस्ट्रेट सनम खालिद की अदालत में पेश किया गया जहां अपमानजनक शब्दों और बयान को लेकर अपनी गलती स्वीकार करने पर मौलवी को दो जमानती बांड पर जमानत दे दी गई।
इससे पहले पिछले साल पाकिस्तान के जाने-माने मौलाना मौलाना तारिक जमील ने भी लाइव टेलीविज़न पर प्रधानमंत्री इमरान खान की मौजूदगी में महिलाओं के खिलाफ एक भड़काऊ टिप्पणी की थी, जिसमें दावा किया गया था कि 'महिलाओं के गलत काम' की वजह से मानवता पर COVID का कहर टूट रहा है। हैरानी की बात यह कि तब इस तरह के बयान देने के लिए प्रधानमंत्री ने उन्हें रोका या सवाल नहीं किया।
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