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जापान में ESG स्टार्टअप शुरू करने जा रही 'Womenomics' की लेखका मात्सुई

Rani Sahu
5 Jun 2021 4:21 PM GMT
जापान में ESG स्टार्टअप शुरू करने जा रही Womenomics की लेखका मात्सुई
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गोल्डमैन सचस (Goldman Sachs) की पूर्व उपाध्यक्ष कैथी मात्सुई वर्किंग वुमन की स्थानांतरित सरकारी नीति पर शोध के लिए जानी जाती हैं

गोल्डमैन सचस (Goldman Sachs) की पूर्व उपाध्यक्ष कैथी मात्सुई वर्किंग वुमन की स्थानांतरित सरकारी नीति पर शोध के लिए जानी जाती हैं। वह एक ऐसी उद्यम निधि शुरू कर रही हैं जो महिलायों के कुछ विचारों को व्यवहार में लाने में मदद कर सकती है। बता दें कि वह जापान में 30 वर्षों से रह रहीं है।

2020 के अंत में गोल्डमैन सकस ग्रुप इंक को छोड़ने वाले मात्सुई ने तीन अन्य अनुभवी महिला वित्तीय अधिकारियों के साथ मिलकर एक फंड बनाया है जिसका लक्ष्य स्वास्थ्य देखभाल, फिटनेस, अगली पीढ़ी के काम व शिक्षा सहित क्षेत्रों में $150 मिलियन का निवेश करना है। मात्सुई ने कहा कि एमपॉवर पार्टनर्स फंड जापान में पर्यावरण, सामाजिक और शासन मूल्यों के साथ स्टार्टअप को प्रभावित करते हुए उच्च रिटर्न हासिल करने की कोशिश करेगा।
उनका कहना है कि यह जापानी स्टार्टअप असल में वैश्विक और बड़े पैमाने इसग के लापता लिंक में से एक है। हम दृढ़ता से मानते हैं कि ईएसजी को अपनी व्यावसायिक रणनीतियों में एकीकृत करके अच्छी कंपनियां महान कंपनियां और भविष्य की स्थायी रूप से बढ़ती कंपनियां बन सकती हैं। उन्होंनें ही "Womenomics" शोध के जरिए जापान में कम उम्र श्रम और महिलाओं को सशक्त बनाने के आर्थिक लाभों का विवरण देते हुए 20 वर्षों की एक रिपोर्ट श्रृंखला प्रकाशित की। पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भी उनके विचारों का समर्थन किया।
जिस वर्ष 2020 उन्होंने पद छोड़ा, उस समय तक 30% प्रबंधन पदों पर महिलाओं को रखने के लक्ष्य से काफी कम हो गया। वैश्विक आंकड़ों के मुताबिक, 2021 के जेंडर गैप इंडेक्स में जापान 120वें स्थान पर है। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के अनुसार, 2020 में जापान में बड़ी कंपनियों में महिलाओं की हिस्सेदारी सिर्फ 10.7% थी, जो ओईसीडी के औसत 26.7% से कम है।
मात्सुई ने कहा कि हाल के वर्षों में जापान के उद्यम निवेश बाजार में तेजी से विस्तार हुआ है, लेकिन अमेरिका और चीन की तुलना में यह बहुत कम है। उन्होंने कहा कि नए फंड का लक्ष्य जापान में लेट-स्टेज स्टार्टअप्स में अपनी पूंजी का 2 तिहाई निवेश करना होगा।


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