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लाल ग्रह पर की ‘कार्बनिक अणुओं’ की खोज
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के परसिवरेंस रोवर (Perseverance rover) ने मंगल ग्रह (Mars Planet) पर कार्बनिक अणुओं की खोज की है. वैज्ञानिक इस बात की जांच कर रहे हैं कि ग्रह पर जीवन है या नहीं. NASA ने कहा कि रोवर ने जेजेरो क्रेटर के पास पता लगाया कि यहां पर लंबे वक्त तक पानी मौजूद रहा होगा.
मंगल ग्रह पर पानी कब मौजूद रहा होगा, इसकी अधिक समझ से एलियन जीवन (Alien Life) के अस्तित्व की खोज में मदद मिलेगी. लेकिन केवल कार्बनिक पदार्थ खोजने का मतलब ये नहीं है कि मंगल ग्रह पर जीवन रहा है. कार्बनिक अणु जैविक और गैर-जैविक दोनों तंत्रों से बन सकते हैं. ऐसे में अभी इसका पता लगाने की तलाश जारी रहने वाली है.
रोवर का SHERLOC (स्कैनिंग हैबिटेबल एनवायरनमेंट विद रमन एंड ल्यूमिनेसेंस फॉर ऑर्गेनिक्स एंड केमिकल्स) उपकरण कार्बनिक पदार्थों को चट्टानों के अंदर तो पता लगाता ही है. साथ ही ये धूल पर भी इसकी मौजूदगी का पता लगा लेता है. SHERLOC के जरिए ही कार्बनिक अणुओं की खोज हुई है.
SHERLOC के मुख्य जांचकर्ता लूथर बीगल ने कहा कि क्यूरोसिटी रोवर ने भी गेल क्रेटर के पास कार्बनिक अणुओं का पता लगाया था. लेकिन SHERLOC के जरिए हमें ये पता चलता है कि चट्टानों के अंदर कार्बनिक अणुओं की मौजूदगी है या नहीं और उन कार्बनिक अणुओं का वहां मिले खनिजों के साथ क्या संबंध हैं. इससे हमें वातावरण को समझने में मदद मिलती है.
अधिक विस्तार से अध्ययन के लिए कार्बनिक अणुओं के नमूने वापस पृथ्वी पर भेजे जाएंगे. परसिवरेंस रोवर ने ये भी पता लगाया है कि मंगल ग्रह पर पानी की मौजूदगी रही थी, क्योंकि सतह का निर्माण लाल गर्म मैग्मा द्वारा हुआ था.
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