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कीव: परमाणु ऊर्जा संचालक कंपनी एनर्जोएटम ने बताया कि विकिरण की शुरुआती समस्या का सामना करने के तुरंत बाद रूसी सैनिकों ने उस जगह को छोड़ने का फैसला लिया. विकिरण के कारण रूसी सैनिक बीमार पड़ने लगे और इसके बाद चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र को छोड़ने का फैसला लिया गया.
परमाणु ऊर्जा संचालक कंपनी एनर्जोएटम ने कहा कि रूसी सेना नजदीक के शहर स्लावुटिक को छोड़ने की भी तैयारी कर रही है, जहां परमाणु ऊर्जा संयंत्र के कर्मचारी रहते हैं. एनर्जोएटम के मुताबिक प्राप्त रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि रूसी सैनिकों ने चेर्नोबिल संयंत्र के आस-पास के 10 किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में रेड फॉरेस्ट इलाके में खाईयां खोदी थीं, जिसके परिणामस्वरूप रूसी सैनिकों को विकिरण का सामना करना पड़ा. इसी क्षेत्र में 1986 में एक भीषण परमाणु हादसा हुआ था.
विकिरण की समस्या का सामना करने के बाद रूसी सैनिक चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र को छोड़कर बेलारूस के साथ लगी यूक्रेन की सीमा की ओर बढ़ रहे हैं. यूक्रेन की परमाणु ऊर्जा संचालक कंपनी ने यह जानकारी दी.
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