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यूक्रेन के कई शहर रूसी हमले से श्मशान में तब्दील, जंग के 42 दिन बाद पहली बार NATO देशों ने शुरू की टैंकों की सप्लाई

Renuka Sahu
7 April 2022 1:08 AM GMT
यूक्रेन के कई शहर रूसी हमले से श्मशान में तब्दील, जंग के 42 दिन बाद पहली बार NATO देशों ने शुरू की टैंकों की सप्लाई
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फाइल फोटो 

रूस ने यूक्रेन के मारियुपोल और खारकीव शहर में बुधवार को जोरदार बमबारी की.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस ने यूक्रेन के मारियुपोल (Mariupol) और खारकीव (Kharkiv) शहर में बुधवार को जोरदार बमबारी की. माना जा रहा है कि रूस की सेना ने यूरोपियन यूनियन की ओर से नए सैंक्शन लगाए जाने के ऐलान का ताजा बमबारी से जवाब दिया है. इन दोनों ही शहरों पर रूसी सेना ने पहले ही दिन अटैक किया था और 42 दिन की जंग में दोनों ही शहर श्मशान में तब्दील हो चुके हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मारियुपोल को रूस की सेना अपनी जीत का मेडल मान रही है और किसी भी हाल में दो शहरों को खोना नहीं चाहती है. इन दोनों शहरों को जीतने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का मिशन पूरा हो सकता है लेकिन नाटो देशों के हथियारों के दम पर यूक्रेन की सेना ने इन शहरों पर रूसी कब्जा रोकने के लिए जोर लगा रखा है.

पश्चिमी मीडिया ने बूचा से टॉर्चर की कई नई तस्वीरें जारी की हैं और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को जेनोसाइड के मुद्दे पर घेरा है. एबीसी चैनल के मुताबिक, करीब एक महीने की जंग के बाद जिंदा बचे लोगों ने बताया है कि रूस के सैनिकों ने हमला करते ही 50 साल से कम उम्र के हर नागरिक की हत्या कर दी और उम्रदराज लोगों को बीस मिनट के अंदर दफनाने का आदेश दिया. 53 साल के माइकोला नाम के रेजिडेंट ने बताया कि उसके दो परिचितों को रूसी सैनिकों ने हैंड ग्रेनेड से उड़ा दिया. सड़क पर हफ्तों तक उसके चीथड़े फैले रहे. माइकोला ने काफी आग्रह के बाद उन चीथड़ों को इकट्ठा किया और एक कब्र में दफना दिया ताकि कुत्ते उसके शरीर को ना नोच सकें.
नरसंहार की कहानी गढ़ रही है यूक्रेनी सेना- रूस का आरोप
रूस के रक्षा मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि यूक्रेन की सेना, पश्चिमी मीडिया की हेडलाइंस पाने के लिए नरसंहार की कहानी गढ़ रही है. बूचा में ऐसी तस्वीरें तैयार की जा रही हैं, जिन्हें देखकर सहानुभूति पैदा हो और रूस को एक विलेन की तरह दिखाने का नैरेटिव सेट किया जा सके. मॉस्को ने अपने कंफर्म सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि यूक्रेनी सेना ने सोमवार को कीव से 23 किलोमीटर उत्तर पश्चिम दिशा में मॉस्चुन नाम के एक गांव में शूटिंग की है, जहां पर नरसंहार का फेक स्टेज तैयार किया गया था. रूस के मुताबिक कीव की तरह सुमी, कोनोटॉप में भी नरसंहार दिखाने के लिए किसी अज्ञात जगह पर शूटिंग की है. ये ही वजह है कि जिन जगहों से रूस की सेना हटी है, वहां पर यूक्रेन की सेना वॉर क्राइम का कोई सीधा सबूत नहीं दे पा रही है.
नाटो देशों ने पहली बार यूक्रेन को टैंक सप्लाई करना शुरू किया
42 दिन से चल रहे जंग में अब नाटो देशों ने पहली बार यूक्रेन को टैंक सप्लाई करना शुरू किया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की मांग पर चेक रिपब्लिक ने T-72 टैंक देने का फैसला किया है. चेक टेलीविजन पर दिखाए गए फुटेज में ट्रेन पर लदे एक दर्जन तोप नजर आ रहे हैं. जिन्हें यूक्रेन भेजा गया है. इनके अलावा नाटो देश यूक्रेन तक मिलिट्री व्हीकल और होवित्जर आर्टिलरी भी पहुंचा रहे हैं ताकि जेलेंस्की की सेना मजबूती से लड़ सके. इससे पहले पोलैंड ने यूक्रेन को 28 मिग विमान देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे अमेरिका ने ठुकरा दिया. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका और नाटो देश युद्ध को जारी रखने देना चाहते हैं जबकि इससे यूक्रेन को भारी नुकसान हो रहा है.
शांति वार्ता को लेकर क्रेमलिन ने कही ये बात
उधर, क्रेमलिन ने कहा है कि मॉस्को और कीव के बीच शांति वार्ता उस हिसाब से आगे नहीं बढ़ पा रही है जैसे इसे बढ़ना चाहिए. रूस के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि वार्ताओं के एक नए दौर को लेकर तैयारी की जा रही है लेकिन कोई उपलब्धि हासिल करने के लिए अभी लंबा सफर तय करना है. रूस ने अपनी स्थिति मजबूत बताते हुए ये भी कहा है कि उसके पास अपना कर्ज चुकाने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं. युद्ध लंबा खिंचने से यूक्रेन को भारी नुकसान हो रहा है. यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने आयरलैंड की संसद को संबोधित किया और कहा कि आयरलैंड रूस के हमले को लेकर तटस्थ नहीं रहा है. आपने हमारी मदद करने की शुरुआत करने में कोई झिझक नहीं की. उन्होंने आयरलैंड सरकार से अनुरोध किया कि वह रूस पर और सख्त प्रतिबंध लगाने के लिए यूरोपीय संघ पर दबाव बनाए.
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