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भारत-Sri Lanka के बीच रक्षा-ऊर्जा सहित कई समझौते, सहयोग बढ़ाने पर सहमति

Gulabi Jagat
16 Dec 2024 3:17 PM GMT
भारत-Sri Lanka के बीच रक्षा-ऊर्जा सहित कई समझौते, सहयोग बढ़ाने पर सहमति
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New Delhi श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने सोमवार को यहां हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उनका गार्ड ऑफ ऑनर से स्वागत किया गया। बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा एवं ऊर्जा क्षेत्र में कई समझौते हुए और अन्य कई क्षेत्रों में सहयोग को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।



पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा पर रविवार शाम भारत पहुंचे दिसानायके ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से भी मुलाकात की। जयशंकर ने इस मुलाकात के बाद भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और ‘सागर’ आउटलुक में श्रीलंका के महत्व को बताते हुए कहा कि पीएम मोदी के साथ बातचीत से नई दिल्ली और कोलंबो के बीच सहयोग और बढ़ेगा। वहीं श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया उनकी यात्रा ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सहयोग और विकास का मार्ग प्रशस्त किया है।
दिसानायके के साथ एक संयुक्त बयान में पीएम मोदी ने कहा हमने अपनी आर्थिक साझेदारी में इन्वेस्टमेंट लेड ग्रोथ और कनेक्टिविटी पर बल दिया है और फैसला किया है कि डिजिटल, फिजिकल और एनर्जी कनेक्टिविटी हमारी भागीदारी के अहम स्तंभ होंगे। दोनों देशों के बीच इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड कनेक्टिविटी और मल्टी प्रोडक्ट पेट्रोल पाइप लाइन स्थापित करने पर फोकस किया जाएगा। दोनों देशों के बीच सोलर पावर प्रोजेक्ट पर भी जोर दिया जाएगा। हमने जल्द रक्षा समझौते को आखिरी रूप
देने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा भारत ने अब तक श्रीलंका को 5 अरब डॉलर की लाइन्स ऑफ क्रेडिट और ग्रांट सहायता प्रदान की है। श्रीलंका के सभी 25 जिलों में हमारा सहयोग है और हमारे प्रोजेक्ट्स का चयन सदैव पार्टनर देशों की विकास प्राथमिकताओं पर आधारित होता है। हमने फैसला किया है कि नागपट्टिनम और कांकेसंथुरई फेरी सेवाओं की सफल शुरुआत के बाद अब रामेश्वरम से तलाईमन्नार के बीच फेरी सेवा शुरू की जाएगी। हमने मछुआरों की आजीविका से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। हम सहमत हैं कि हमें इस मामले में एक मानवीय दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
दिसानायके ने अभूतपूर्व आर्थिक संकट के दौरान भारत के 'अत्यधिक समर्थन' के लिए आभार जताया और कहा कि श्रीलंकाई जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होगा।
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