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चीन में मैनुफैक्चरिंग और भारत में बिक्री पचने लायक नहीं
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा है कि चीन (China) में टेस्ला (Tesla) की मैनुफैक्चरिंग और भारत में बिक्री हम सभी के लिए एक पचने योग्य नहीं है, क्योंकि एलन मस्क (Elon Musk) देश में अपनी इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) बेचने के लिए कर छूट की मांग कर रहे हैं. एक मीडिया इंटरव्यू में, नितिन गडकरी ने कहा कि वह तीन-चार दिन पहले टेस्ला की भारतीय शाखा के प्रमुख से मिले थे. केंद्रीय मंत्री ने बताया, मैंने उन्हें समझाने की कोशिश की है. आखिरकार फैसला (देश में मैनुफैक्चरिंग के लिए) उन्हीं पर निर्भर है.
इस बात पर जोर देते हुए कि सड़कों पर टेस्ला कारों को उतारने के लिए मस्क को पहले यहां मैनुफैक्चरिंग करनी होगी केंद्रीय मंत्री ने कहा, "अब उनकी (एलन मस्क की) रुचि चीन में टेस्ला कार का मैनुफैक्चरिंग करने और इसे भारत में बेचने की है. तो, यदि आप यहां से शुरू करते हैं, तो आपका स्वागत है, कोई समस्या नहीं है लेकिन चीन में मैनुफैक्चरिंग और भारत में बिक्री हम सभी के लिए एक पचाने योग्य नहीं है."
टेस्ला कारों की कस्टम ड्यूटी पर नितिन गडकरी ने कही ये बात
टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों पर सीमा शुल्क (Custom duty) में कटौती की मांग के बारे में पूछे जाने पर नितिन गडकरी ने कहा कि देश एक ऑटोमोबाइल कंपनी को खुश नहीं कर सकता. उन्होंने विस्तार से बताया, भारत एक बहुत बड़ा बाजार है. हमारे पास दुनिया के सभी ऑटोमोबाइल दिग्गज – बीएमडब्ल्यू, वोल्वो, मर्सिडीज-बेंज, टोयोटा, होंडा, हुंडई – यहां मौजूद हैं. अगर हम एक कंपनी को एक बेनिफिट देते हैं, तो हमें वह बेनिफिट दूसरी कंपनियों को भी देना होगा. यही प्रैक्टिकल समस्या है.
एलन मस्क ने हाल ही में ट्वीट किया था कि उन्हें भारत में अपने प्रोडक्ट्स को जारी करने के लिए सरकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने पोस्ट किया था, सरकार के साथ चुनौतियों के कारण टेस्ला अभी तक भारत में नहीं आई है.
बेंगलुरु में है टेस्ला का ऑफिस
टेस्ला ने बेंगलुरु में अपना ऑफिस टेस्ला इंडिया मोटर्स एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के रूप में रजिस्टर किया है और तीन डायरेक्टर्स को नॉमिनेट किया है. फर्म 15 लाख रुपए की अथोराइज कैपिटल और 1 लाख रुपए की पेड-अप कैपिटल के साथ रजिस्टर है.
इस हफ्ते की शुरूआत में, सरकार ने अपने प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए भारतीय बाजार का उपयोग करने के लिए टैक्स ब्रेक की मांग करने के टेस्ला के बिजनेस प्रैक्टिस पर सवाल उठाया था लेकिन वह देश में मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी सेटअप नहीं करना चाहते थे जिससे हजारों नौकरियां पैदा हो सकें.
टेस्ला को सब्सिडी या टैक्स में छूट नहीं
उद्योग मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा को बताया, हम टेस्ला को सब्सिडी या टैक्स में छूट नहीं दे सकते क्योंकि वे यहां अपना विमैनुफैक्चरिंग और दूसरा ऑपरेशन बेस सेटअप नहीं करना चाहते हैं. हमें ऐसी कंपनी का सपोर्ट क्यों करना चाहिए जो चीन में रोजगार पैदा करती है और हमारे बाजारों से बेनिफिट कमाती है.
कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा, हमारे प्रधानमंत्री का ऐसी सभी विदेशी कंपनियों के लिए एक विजन है, अगर आप अपने प्रोडक्ट को हमारे देश में बेचना चाहते हैं, तो उनका मैनुफैक्चरिंग यहीं करें. उन्होंने सदन को सूचित किया कि टेस्ला ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सरकार की किसी भी योजना में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है.
भारी उद्योग मंत्रालय के अनुसार, सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक/हाइब्रिड वाहनों (ईवी) को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए 2015 में भारत में (हाइब्रिड और) इलेक्ट्रिक वाहन (फेम इंडिया) योजना के तेजी से अपनाने और विमैनुफैक्चरिंग के लिए एक योजना तैयार की है.
(इनपुट- IANS)
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