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2013 में आईटी इंजिनियर जेम्स हॉवेल्स ने गलती से अपनी हार्ड ड्राइव को कचरे में फेंक दिया था
2013 में आईटी इंजिनियर जेम्स हॉवेल्स ने गलती से अपनी हार्ड ड्राइव को कचरे में फेंक दिया था, जिसमें एक क्रिप्टोग्राफिक 'प्राइवेट की' स्टोर थी. यह 'की' जेम्स के पास मौजूद बिटकॉइन्स (Bitcoinके लिए बेहद अहम थी, जिनकी कीमत आज की तारीख में 340 मिलियन पाउंड (34,50,60,56,000 रुपये) है. अब उन्होंने अपनी डूबती किस्मत को बचाने के लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) के डेटा एक्सपर्ट की मदद ली है.
CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक, जेम्स हॉवेल्स ने प्रशासन को यह भी प्रस्ताव दिया है कि उन्हें ड्राइव के जरिए पैसे मिले तो वह 25% हिस्सा शहर के कोविड-रिलीफ फंड को दे देंगे. हालांकि, अधिकारी उनकी सुनने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा है कि प्रशासन ने बिना प्लान सुने ही सीधे इनकार कर दिया है.
जेम्स ने खोज को अंजाम देने के लिए दुनियाभर के इंजीनियरों, पर्यावरणविदों और डेटा रिकवरी विशेषज्ञों से संपर्क किया है. अब उन्होंने इसके लिए ऑनट्रैक कंपनी की मदद ली है.
इस डेटा रिकवरी फर्म ने 2003 में पृथ्वी पर गिरने के बाद कोलंबिया अंतरिक्ष यान से जली और बर्बाद हो चुकी हार्ड ड्राइव से डेटा निकाल लिया था. नासा भी डेटा रिकवरी के लिए इसी कंपनी की मदद लेती है.
डेटा रिकवरी फर्म का मानना है कि अगर जेम्स की हार्ड ड्राइव में टूटी नहीं हुई, तो 80 से 90 प्रतिशत संभावना है कि उसके बिटकॉइन को दोबारा हासिल किया जा सकता है.
जेम्स ने CNBC को बताया है कि उन्होंने गलती से 2013 में यह ड्राइव कचरे में फेंक दी थी. उसके बाद से वह न्यूपोर्ट सिटी काउंसिल से उसे ढूंढने की रिक्वेस्ट कर रहे हैं, ताकि उन्हें वह कोड मिल जाए. हालांकि, प्रशासन पर्यावरण और आर्थिक बोझ का हवाला देकर इसकी इजाजत नहीं दे रहा.
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