विश्व

स्कर्ट पहनकर स्कूल पहुंचे पुरुष टीचर्स, जानिए क्या है पूरा माजरा

Admin2
1 Jun 2021 6:33 AM GMT
स्कर्ट पहनकर स्कूल पहुंचे पुरुष टीचर्स, जानिए क्या है पूरा माजरा
x

स्पेन में एक छात्र के स्कर्ट पहनने के बाद उसे स्कूल से निकाल दिया गया था. इसके बाद से ही इस देश में एक आंदोलन खड़ा हो चुका है. इस आंदोलन का नाम है 'कपड़ों का कोई जेंडर नहीं होता' और इस बच्चे के समर्थन के लिए कई स्कूलों के शिक्षक स्कर्ट पहनकर आने लगे हैं. हाल ही में 37 साल के टीचर मैन्युएल ओर्टेगा और 36 साल के टीचर बोर्जा वेलाजक्वेज ने भी इस मूवमेंट को जॉइन किया है. मैन्युएल और बोर्जा के स्कूल में भी एक छात्र के टी-शर्ट पहनने पर उसे बुली किया गया था. रूढ़िवादी लिंग मानदंडों से लड़ने के लिए ये शिक्षक क्लास में स्कर्ट पहन रहे हैं.

गौरतलब है कि ओर्टेगा और बोर्जा वैलेडोलिड के एक स्कूल में पढ़ाते हैं. उनके स्कूल में एक छात्र की टीशर्ट को देखने के बाद उसे समलैंगिक कहकर मजाक बनाने की कोशिश की गई और उसे इतना शर्मिंदा किया गया कि वो काफी इमोशनल हो गया था और उसे अपनी टीशर्ट बदलनी पड़ गई थी. इस घटना के चलते ओर्टेगा काफी शॉक में थे महसूस कर रहे थे. इसके बाद ही उन्होंने अपने सह-कर्मचारी बोर्जा के साथ मिलकर इस मामले में कुछ करने की ठानी. यही कारण है कि बोर्जा और ओर्टेगा पिछले एक महीने से अपने स्कूल में स्कर्ट पहनकर ही आ रहे हैं.

एल पेस वेबसाइट के साथ बातचीत में ओर्टेजा ने कहा कि उनका स्कर्ट पहनकर सोशल मीडिया पर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने या वायरल होने का मन नहीं है. उन्होंने कहा कि इस कदम के सहारे हम समाज में सहिष्णुता को बढ़ाना चाहते है और बाकी लोगों से भी इस अभियान में जुड़ने की अपील करते हैं. गौरतलब है कि ये मूवमेंट पिछले साल 27 अक्तूबर को शुरु हुआ था जब स्पेन के बिलबाओ शहर में मिकेल गोमेज नाम के एक स्टूडेंट को स्कूल में स्कर्ट पहनने पर बर्खास्त कर दिया गया था और कहा गया था कि मिकेल की मानसिक स्थिति अच्छी नहीं है और उसे साइकोलॉजिस्ट्स की जरूरत है.

वही गोमेज ने इसके बाद एक वीडियो बनाया था और उसने कहा था कि वो स्कर्ट पहनने के साथ ही फेमिनिज्म और अनेकता को सपोर्ट दिखाना चाहता था. मिकेल का ये वीडियो वायरल हो गया और इसके बाद से ही कई शिक्षक और स्टूडेंट्स स्कूल में स्कर्ट्स पहनकर स्कूल आ रहे हैं.

Next Story