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Israel-Maldives Controversy: हिन्द महासागर में भारत के पड़ोसी द्वीपीय देश मालदीव maldives ने एक दिन पहले ही इजरायली पासपोर्ट धारकों के अपने देश में प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी थी। इससे इजरायल भड़क गया है और अपने नागरिकों को सलाह दी है कि मालदीव का बहिष्कार करते हुए हिन्द महासागर में ही भारत के उन द्वीपों का भ्रमण करें, जहां पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जा चुके हैं। भारत में इजरायली दूतावास ने हिन्दी और अंग्रेजी में ट्वीट कर लोगों से कहा है कि कई ऐसे भारतीय समुद्र तट हैं, जो बेहद खूबसूरत हैं और वहां बेहद आदर सत्कार किया जाता है।
दूतावास के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है, "जैसे कि मालदीव ने अब इजरायलियों के आने पर बैन लगा दिया हैं, नीचे दिए यह कुछ खूबसूरत और अद्भुत भारतीय समुद्र तट हैं जहाँ इजरायली पर्यटकों का हार्दिक स्वागत होता हैं और बेहद आदर सत्कार दिया जाता हैं। हमारे डिप्लोमेट्स द्वारा यात्रा की गई जगहों के आधार पर @IsraelinIndia के यह कुछ सुझाव हैं।" इसके साथ ही भारत के चार खूबसूरत समुद्र तटों की तस्वीर भी साझा की गई है। जिन तटों की तस्वीर साझा की गई है, उनमें लक्षद्वीप, गोवा, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और केरल के तट शामिल हैं।
Since the Maldives is no longer welcoming Israelis, here are some beautiful and amazing Indian beaches where Israeli tourists are warmly welcomed and treated with utmost hospitality. 🏖️🇮🇳
— Israel in India (@IsraelinIndia) June 3, 2024
Check out these recommendations from @IsraelinIndia, based on the places visited by our… pic.twitter.com/kGNEDS6fsp
बता दें कि मालदीव सरकार ने इजराइली पासपोर्ट धारकों को हिंद महासागर द्वीपसमूह में प्रवेश करने से प्रतिबंधित करने के लिए कानूनों में संशोधन करने का रविवार को फैसला किया। यह फैसला गाजा पर इजराइली सेना द्वारा किए गए हमलों को लेकर मालदीव में बढ़ते जनाक्रोश के बीच लिया गया है। समाचार पोर्टल सन.एमवी की खबर के अनुसार, राष्ट्रपति कार्यालय में एक आपातकालीन प्रेस वार्ता में गृह मंत्री अली इहुसन ने इस फैसले की घोषणा की।
उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने इजराइली पासपोर्ट पर मालदीव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के लिए आवश्यक कानूनी संशोधन जल्द से जल्द करने का आज फैसला किया।’’ समाचार पोर्टल ने कहा कि मंत्रिमंडल ने इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए मंत्रियों की एक विशेष समिति गठित की है। मालदीव में हर साल दस लाख से अधिक पर्यटक आते हैं। इसमें इजराइल से लगभग 15,000 पर्यटक शामिल हैं। मंत्रिमंडल ने उन क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक विशेष दूत नियुक्त करने का भी फैसला किया है, जिनमें फलस्तीन को मालदीव से सहायता की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि इसी साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब लक्षद्वीप के दौरे पर गए थे, तब मालदीव ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया था। मालदीव के युवा कार्य मंत्रालय के तीन उप-मंत्रियों ने पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा को मालदीव के पर्यटन के लिए एक खतरा के रूप में बताया था प्रधानमंत्री मोदी पर नकारात्मक टिप्पणियां की थीं। मालदीव के इस रुख से ना केवल दोनों देशों के बीच रिश्तों में कड़वाहट आ गई थी बल्कि भारतीयों ने मालदीव बहिष्कार का अभियान चलाया था और वहां जा रहे पर्यटकों ने अपनी यात्रा रद्द कर दी थी। इससे मालदीव को भारी आर्थिक संकट झेलना पड़ा था। मालदीव को पर्यटक भेजने के लिए तब चीन से गुहार लगानी पड़ी थी।
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