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हिजाब को लेकर कर्नाटक में जारी विवाद में कूदी मलाला यूसुफजई, भारत के नेताओं से की अपील, जानें पूरा मामला

Renuka Sahu
9 Feb 2022 2:20 AM GMT
हिजाब को लेकर कर्नाटक में जारी विवाद में कूदी मलाला यूसुफजई, भारत के नेताओं से की अपील, जानें पूरा मामला
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फाइल फोटो 

हिजाब को लेकर कर्नाटक में जारी विवाद में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और महिला अधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई भी कूद गई हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिजाब को लेकर कर्नाटक में जारी विवाद में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और महिला अधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई भी कूद गई हैं। उन्होंने इसके लिए ट्विटर का सहारा लिया। मलाला ने लिखा, "कॉलेज हमें पढ़ाई और हिजाब के बीच चयन करने के लिए मजबूर कर रहा है। लड़कियों को उनके हिजाब में स्कूल जाने से मना करना भयावह है। कम या ज्यादा पहनने के लिए महिलाओं के प्रति नजरिया बना रहता है। भारतीय नेताओं को चाहिए कि वे मुस्लिम महिलाओं को हाशिए पर जाने से रोके।''

आपको बता दें कि हिजाब को लेकर विवाद के चलते कर्नाटक में शुरू हुआ प्रदर्शन मंगलवार को पूरे राज्य में फैल गया। कॉलेज परिसरों में पथराव की घटनाओं के कारण पुलिस को बल प्रयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जहां 'टकराव-जैसी' स्थिति देखने को मिली। इस बीच, सरकार और हाईकोर्ट ने शांति बनाये रखने की अपील की है। अदालत हिजाब पहनने के छात्राओं के अधिकार के लिए उनकी एक याचिका पर विचार कर रही है। इस मुद्दे के एक बड़े विवाद का रूप धारण कर लेने के बाद, राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में शैक्षणिक संस्थानों में तीन दिनों के अवकाश की घोषणा की।

क्या है पूरा विवाद?
उडुपी जिले के मणिपाल स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल कॉलेज में मंगलवार को उस समय तनाव काफी बढ़ गया, जब भगवा शॉल ओढ़े विद्यार्थियों और हिजाब पहनी छात्राओं के दो समूहों ने एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में मांडया में लड़कों का एक समूह हिजाब पहनी लड़कियों से बदसलूकी करते नजर आ रहा है। हालांकि, सोशल मीडिया पर इन लड़कियों के पक्ष में समर्थन उमड़ पड़ा। हिजाब पहनने के अधिकार की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी रखने पर जोर देने वाली लड़की ने कहा कि उसे शिक्षकों का समर्थन प्राप्त है और भगवा शॉल ओढ़े उसे रोकने वाले लड़के बाहरी थे। उसने एक टीवी चैनल से कहा, ''कक्षा में सभी ने, हमारे प्राचार्य और लेक्चरर ने हमारा समर्थन किया।''
हिजाब विवाद पर सियासत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने दिन में सरकार से स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश घोषित करने का आग्रह किया था। एआईएमआईएम प्रमुख एवं हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने छात्राओं का समर्थन किया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ''कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं ने हिंदुत्व की भीड़ के अत्यधिक उकसावे के बावजूद काफी साहस का प्रदर्शन किया है।'' वहीं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले ध्रुवीकरण करने की कोशिश की जा रही है।
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत 'आम बात हो गयी है और अब विविधता का सम्मान नहीं' रह गया है । मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि हिजाब ड्रेस का हिस्सा नहीं है, इसलिए इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश के स्कूलों में 'ड्रेस कोड' लागू किया जाएगा, ताकि सभी स्कूली विद्यार्थियों में समानता की भावना सुनिश्चित की जा सके।
डीयू में हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन
कर्नाटक कॉलेज में हिजाब पहनकर आ रही लड़कियों के कुछ लड़कों द्वारा विरोध का मामला मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय तक पहुंच गया। दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में आर्ट्स फैकल्टी के पास मंगलवार दोपहर को कुछ छात्रों ने हिजाब वाले मामले को लेकर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन की ओर से हिजाब पहनने वाली लड़कियों के समर्थन में किया गया था। करीब तीन बजे एक दर्जन छात्र छात्राएं एकत्र हुए और उन्होंने हिजाब पहनने वाली छात्राओं के समर्थन में नारेबाजी की। इनमें कई छात्राओं ने हिजाब पहन रखे थे। उन्होंने नारे लगाए कि हिजाब पर हमला नहीं सहेंगे और गुंडागर्दी नहीं सहेंगे।
उनके हाथों में पोस्टर थे जिस पर लिखा था कि हिजाब हमारी शान हैं। कुछ पोस्टर पर लिखा था कि हिजाब पहनना महिलाओं की खुद की पसंद है तो कोई उनकी आजादी पर हमला नहीं कर सकता। वहां मौजूद एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि कॉलेज में हिजाब पहनकर सालों से लड़कियां पढ़ रही हैं, लेकिन कर्नाटक में कुछ शरारती तत्व उनके साथ बदतमीजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैसे कपड़े पहनें और कैसे नहीं, यह खुद उन लड़कियों के ऊपर छोड़ देना चाहिए और हिजाब पहन रही इन लड़कियों के साथ बदतमीजी न हो।
बोम्मई ने उकसावे वाले बयानों से दूर रहने की अपील की
हिजाब विवाद गहराने पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को विपक्ष और संबंधित लोगों से उकसावे वाले बयान देकर तनाव को न बढ़ाने और उच्च न्यायालय के आदेश का इंतजार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पोशाक संबंधी नियमों पर कानून के अनुसार चलेगी और अदालत में भी यही रुख रखा गया है। उन्होंने कहा, न्यायपालिका के फैसले का इंतजार करिए और वह जो भी कहेगी हम उसका पालन करेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कर्नाटक सरकार ने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए अगले तीन दिनों तक राज्य में उच्च विद्यालयों तथा कॉलेजों में अवकाश घोषित किया है।
हिजाब विवाद को तूल देना चाहते हैं कुछ शरारती तत्व : हाईकोर्ट
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में बढ़ते हिजाब विवाद के बीच मंगलवार को विद्यार्थियों और आम लोगों से शांति एवं सौहार्द बनाए रखने की अपील की। अदालत ने कहा कि कुछ शरारती तत्व इस मामले को तूल देना चाहते हैं। उडुपी में सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी महिला कॉलेज में पढ़ने वाली कुछ छात्राओं की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि इस पर अब बुधवार को आगे सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत से यह घोषित करने का अनुरोध किया है कि कॉलेज परिसर में इस्लामिक प्रथा के तहत हिजाब पहनने सहित जरूरी धार्मिक प्रथाओं को अपनाना उनका मौलिक अधिकार है। न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित की एकल पीठ ने कहा कि यह अदालत विद्यार्थियों और आम लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने का अनुरोध करती है। इस अदालत को समग्र जनता की बुद्धिमता और सदाचार पर पूरा भरोसा है और उम्मीद करती है कि इसे व्यवहार में भी अपनाया जाएगा। न्यायमूर्ति दीक्षित ने लोगों को भारतीय संविधान में भरोसा रखने की सीख देते हुए कहा कि कुछ शरारती तत्व ही इस मामले को तूल दे रहे हैं। न्यायमूर्ति दीक्षित ने आगे कहा कि आंदोलन, नारेबाजी और विद्यार्थियों का एक दूसरे पर हमला करना अच्छी बात नहीं है।
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