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कहा कि उनके ज्यादातर नेता अफगानिस्तान में हैं।
पाकिस्तान ने एक बार फिर झूठ बोला है। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि पाकिस्तान भारत से सुलह चाहता है, मगर भारत ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई। कुरैशी ने टोलो न्यूज से बातचीत में यह दावा करते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री इमरान खान ऑफिस आए और कहा कि अगर भारत शांति की ओर एक कदम बढ़ाता है तो हम दो कदम बढ़ाएंगे। दुर्भाग्य से भारत ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। दुर्भाग्य से भारत ने ऐसे कदम उठाए और उपाय किए कि माहौल और खराब हो गया।
कुरैशी पांच अगस्त, 2019 को भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम से भी नाराज दिखे। इसी दिन भारत ने अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर को मिलने वाला विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया। अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी पर कुरैशी ने कहा, अफगानिस्तान को हक है कि वह भारत के साथ संप्रभु और द्विपक्षीय रिश्ता रखे या फिर भारत के साथ कारोबार करे।
एक दिन पहले ही कुरैशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पर 24 जून को बुलाई गई एक सर्वदलीय बैठक पर ऐतराज जताया था। माना जा रहा है कि पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद राज्य में चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ हो सकता है। इसी से बौखलाए कुरैशी ने कहा था कि पाकिस्तान कश्मीर में जनसंख्या को बदलने या कश्मीर को बांटने के किसी भी प्रयास का विरोध करेगा। भारत को पांच अगस्त 2019 के कदमों के बाद अब कश्मीर में और ज्यादा अवैध कदमों से परहेज करना चाहिए।
भारत की मौजूदगी जरूरत से ज्यादा बताई
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की तैयारियों की पृष्ठभूमि में भारत द्वारा वहां शांति प्रक्रिया के तहत राजनयिक गतिविधियां बढ़ाए जाने से बेचैन पाकिस्तान का कहना है कि कभी-कभी उसे लगता है कि युद्ध से जर्जर देश में भारत की मौजूदगी 'जरूरत से कुछ ज्यादा ही है।'
शनिवार को प्रसारित साक्षात्कार में कुरैशी ने कहा, 'हां, आपके संप्रभु संबंध हैं और द्विपक्षीय संबंध हैं और आपको भारत के साथ संप्रभु और द्विपक्षीय संबंध रखने का पूरा अधिकार है। आप भारत के साथ व्यापार करते हैं। वे यहां आकर विकास कार्य करते हैं, हमें इन सभी से कोई ऐतराज नहीं है।' साक्षात्कार के अंशों के मुताबिक, कुरैशी ने कहा, 'लेकिन कभी-कभी हमें लगता है कि उनकी (भारत) मौजूदगी जरूरत से ज्यादा ही है क्यों उनकी… सीमा आपके साथ नहीं लगती है।'
यह पूछने पर कि क्या अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी से पाकिस्तान को दिक्कत होती है, कुरैशी ने कहा, 'हां, अगर वे (भारत) आपकी (अफगानिस्तान) जमीन का इस्तेमाल हमारे खिलाफ करेंगे, तो मुझे इससे दिक्कत है।' यह पूछने पर कि भारत, अफगान जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ किस तरह से कर रहा है, कुरैशी ने आरोप लगाया, 'हां, वे कर रहे हैं, आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देकर।'
अफगानिस्तान में हिंसा पर पाकिस्तान ने तालिबान का किया बचाव, आईएसआईस पर मढ़ा दोष
अफगानिस्तान में तालिबान ने नागरिकों और सुरक्षाबलों पर फिर हमले शुरू कर दिए हैं। वहीं पाकिस्तान ने आतंकी समूह तालिबान का समर्थन देते हुए कहा कि अफगानिस्तान में हिंसा के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराना एक 'अतिशयोक्ति' होगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान का बचाव करते हुए बढ़ती हिंसा के लिए आईएसआईएस को जिम्मेदार ठहरा दिया।
इस्लामाबाद में पिछले हफ्ते अपने कार्यालय में टोलो न्यूज से एक साक्षात्कार में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, 'यदि आप फिर से यह धारणा बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि तालिबान की वजह से हिंसा बढ़ रही है, तो यह एक अतिशयोक्ति होगी। मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं? क्या वहां अन्य तत्व नहीं हैं जो स्थिति बिगाड़ने की भूमिका निभा रहे हैं? आइएसआइएस जैसी ताकते अफगानिस्तान के भीतर हैं। उन्हें युद्ध की स्थिति मे लाभ होता है और वो अपनी ताकत बढ़ाना चाहते हैं। कुरैशी ने पाकिस्तान में तालिबान नेताओं को पनाह देने की बात को खारिज कर दिया और कहा कि उनके ज्यादातर नेता अफगानिस्तान में हैं।
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