सोने का ढेर मिलने से चमकी किस्मत, शख्स ने मिट्टी से ढूंढ निकाला

विश्व की खबर. ये शख्स अपने मेटल डिटेक्टर से मिट्टी में छिपी चीजें ढूंढ रहा था. तभी उसके हाथ खजाना लग गया. ये वो कीमती सामान है, जिसे 1500 साल पहले लोग इस्तेमाल किया करते थे. उसे ढेर सारा सोना मिला है. इनमें 9 पैंडेंट, 3 अंगूठी और 10 सोने के पियर्ल्स शामिल हैं. मामला नॉर्वे का है. यहां 51 साल के एरलैंड बोरे को रेनेसोए में दक्षिणी द्वीप पर खजाना मिला है. दरअसल एरलैंड स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियां का सामना कर रहे थे. जिसके चलते उन्हें डॉक्टर ने कहा कि पूरे दिन कुर्सी पर बैठने से अच्छा घूमा फिरा करो.
बस इसी बहाने से उन्होंने इस साल अपना पहला मेटल डिटेक्टर खरीद लिया. अब उन्हें इतना सोना मिला है कि जो भी इस बारे में सुन रहा है, वही हैरानी जता रहा है. स्टवान्गर यूनिवर्सिटी के पुरातत्व संग्रहालय के निदेशक ओले मैडसेन ने कहा कि 'एक ही समय में इतना सोना मिलना बेहद असामान्य बात है.' एरलैंड ने अगस्त महीने में पर्वतीय द्वीपों पर अपने मेटल डिटेक्टर को लेकर टहलना शुरू किया था. पहले तो उन्हें कूड़ा कचरा ही मिल रहा था. लेकिन बाद में कुछ अजीब सा मिला. जब उन्होंने इसका वजन देखा तो ये 100 ग्राम से ज्यादा का था. उन्होंने इस सामान को बाहर निकाला तो वो हैरान रह गए. इस देश के कानून के अनुसार, साल 1537 से पुराना सामान और 1650 से पुराने सिक्कों को सरकारी संपत्ति माना जाता है. इस सामान को सरकार को सौंपना होता है. मामले में असोसिएट प्रोफेसर हाकोन रियरसन ने कहा कि एक ज्वेलरी ऐसी है, जो दिखने में गोल्ड मेडल जैसी है. उसके एक ही तरफ सोना लगा हुआ है. यूरोप में प्रवासियों ने जब एक देश से दूर देश में जाना शुरू किया, उसी दौरान ये सामान यहां रह गया. इन्हें कुशल कारीगरों ने बनाया होगा. देखने से पता चलता है कि इन्हें समाज के शक्तिशाली लोग पहना करते थे. इस तरह की खोज 19वीं सदी के बाद से नहीं हुई है.
इस मामले में एक अन्य विशेषज्ञ प्रोफेसर सिगमंड ओएहर्ल का कहना है कि इस तरह के 1000 गोल्डन ब्रैक्टियेट्स मिल चुके हैं. ये नॉर्वे के अलावा स्वीडन और डेनमार्क में भी पाए गए. इनमें इनके भगवान को एक बीमार घोड़े को ठीक करते हुए दिखाया गया है. घोड़े का प्रतीक बीमारी और संकट के तौर पर देखा जाता है. चूंकी इसमें भगवान भी हैं, इसलिए इसे उपचार और नए जीवन की आशा भी कहा जाता है. इस सामान को एग्जीबीशन में दिखाने की योजना बन रही है.