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लंदन, (आईएएनएस)| लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) ने कहा है कि वह अपने छात्र संघ चुनावों की समीक्षा करेगा क्योंकि एक भारतीय छात्र ने आरोप लगाया कि कैंपस में प्रचलित भारत विरोधी बयानबाजी और हिंदूफोबिया के कारण उसे चुनाव से अयोग्य घोषित किया गया था। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स स्टूडेंट्स यूनियन (एलएसईएसयू) ने बयान में कहा कि किसी भी प्रकार के उत्पीड़न या डराने-धमकाने के प्रति उसका ²ढ़ शून्य सहिष्णुता का रुख है, और निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से काम करता है।
बयान में कहा गया है, .. शामिल कुछ उम्मीदवारों पर इस अनुभव के प्रभाव को देखते हुए, हम इस बार एक बाहरी समीक्षा करेंगे और तदनुसार समुदाय को अपडेट करने का प्रयास करेंगे। एलएसई में पोस्ट-ग्रेजुएट की पढ़ाई कर रहे हरियाणा के 22 वर्षीय करण कटारिया ने कहा कि उन्हें पिछले हफ्ते उनकी भारतीय और हिंदू पहचान के कारण एलएसईएसयू के महासचिव के लिए दौड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट किए बयान में दावा किया कि उन्होंने व्यक्तिगत, शातिर और टारगेटेड हमलों का सामना किया, और उन पर होमोफोबिक, इस्लामोफोबिक, क्वीरफोबिक और हिंदू राष्ट्रवादी होने का आरोप लगाया गया। उन्होंने आगे कहा कि सभी राष्ट्रीयताओं के छात्रों से अपार समर्थन प्राप्त करने के बावजूद, उन्हें एलएसईएसयू के महासचिव चुनाव से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
कटारिया के दावों के जवाब में, एलएसईएसयू ने कहा कि उम्मीदवार को अयोग्य घोषित कर दिया गया क्योंकि उसने चुनाव नियमों का उल्लंघन किया। एलएसईएसयू ने अपने बयान में कहा- उम्मीदवारों और प्रचारकों को वोट डालने वाले किसी भी व्यक्ति से उचित दूरी (लगभग 2 मीटर) बनाए रखनी चाहिए। आप किसी भी परिस्थिति में, किसी छात्र के पास खड़े नहीं हो सकते हैं या मतदान करते समय उनसे बात नहीं कर सकते हैं- भले ही वे आपसे मदद मांगें। अगर उन्हें मतदान करने में परेशानी हो रही है, तो उन्हें एसयू मतदान केंद्र पर ले जाएं या उन्हें हमें ईमेल करने के लिए कहें।
छात्र संघ ने कहा कि कटारिया को एलएसईएसयू उपनियमों में निर्धारित रिटनिर्ंग ऑफिसर द्वारा किए गए फैसले के खिलाफ अपील करने का अवसर दिया गया था। कटारिया ने तब अपील प्रस्तुत की जिस पर लोकतंत्र समिति के शेष चार सदस्यों ने विचार किया।
यह कहते हुए कि सभी उम्मीदवार नीतियों, प्रक्रियाओं, प्रोटोकॉल और चुनाव नियमों के स्पष्ट सेट द्वारा शासित होते हैं, एलएसईएसयू ने कहा कि यह हमेशा इस बात की समीक्षा करता है कि हमारे चुनाव कैसे हुए हैं। हमें विश्वास है कि सभी निर्णयों का उचित प्रक्रिया और सर्वोत्तम अभ्यास के अनुसार पालन किया गया। कटारिया ने कहा कि एलएसईएसयू ने उनकी उम्मीदवारी को अलोकतांत्रिक रूप से रद्द कर दिया है, और उनके खिलाफ आरोपों का कोई सबूत नहीं दिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि मतदान के दिन, भारतीय छात्रों को उनकी राष्ट्रीय और हिंदू धार्मिक पहचान के लिए धमकाया गया और निशाना बनाया गया। कटारिया ने आरोप लगाया कि छात्रों ने इस मुद्दे को उठाया, लेकिन एलएसईएसयू ने दबंगों के खिलाफ कार्रवाई न करके इसे दरकिनार कर दिया। एलएसई में लगभग 11,000 छात्र हैं जिनमें से 60 प्रतिशत से अधिक यूके के बाहर से आते हैं।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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