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यह बांग्लादेश का सबसे लंबा रेलवे ब्रिज है। इस पुल को बनाने का काम साल 2017 में शुरू हुआ था।
ढाका: पद्मा के बाद अब बांग्लादेश की जनता को मिला एक और शानदार ब्रिज मिल गया है। चीन ने जहां पद्मा ब्रिज का निर्माण किया था, वहीं भारत की आर्थिक मदद से बने रूप्शा रेलवे ब्रिज का निर्माण कार्य भी 25 जून को पूरा हो गया। यह ब्रिज बांग्लादेश का सबसे लंबा रेलवे ब्रिज बताया जा रहा है। इस ब्रिज के निर्माण में कई चुनौतियां आईं लेकिन अंतत: यह बनकर पूरा हो गया है। बांग्लादेश में भारतीय दूतावास ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है। यह ब्रिज खुलना-मोंगला बंदरगाह रेलवे लाइन का प्रॉजेक्ट का हिस्सा है।
भारत सरकार ने इस पुल के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट दिया था। भारतीय दूतावास ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच सहयोग की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है। इस पुल को 4000 करोड़ बांग्लादेशी टका के खर्च से बनाया गया है। माना जा रहा है कि इस महीने से बांग्लादेश के इस सबसे बड़े रेल पुल पर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस पुल के बन जाने से अब बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को काफी गति मिलेगी। यही नहीं सुंदरबन में टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय कंपनी लॉर्सन एंड टूब्रो ने रूप्सा नदी पर बनाया पुल
इस रेल पुल की मदद से अब मोंगला बंदरगाह तक सामानों की आवाजाही बढ़ जाएगी। इससे आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होगी। इसमें देश के दक्षिणी पश्चिमी इलाके का औद्योगीकरण बढ़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस पुल के बन जाने के बाद अब भारत, नेपाल और भूटान को सामानों की सप्लाइ बहुत आसानी से और कम दाम में हो सकेगी। यही नहीं बांग्लादेश और भारत, भूटान, नेपाल के पर्यटक आसानी से सुंदरबन की यात्रा कर सकेंगे। यह पूरा खुलना- मोंगला रेलवे प्रॉजेक्ट 3 भागों में बंटा हुआ है।
इस परियोजना के तहत रेलवे लाइन की कुल लंबाई 86.87 किमी होगी। भारतीय कंपनी लॉर्सन एंड टूब्रो ने रूप्सा नदी पर बने इस पुल को बनाया है। वहीं बाकी के हिस्से को भारतीय कंपनी इरकान इंटरनैशनल ने बनाया है। इस पूरे प्रॉजेक्ट में आए खर्च में जमीन का अधिग्रहण और रेलवे लाइन का निर्माण शामिल है। यह बांग्लादेश का सबसे लंबा रेलवे ब्रिज है। इस पुल को बनाने का काम साल 2017 में शुरू हुआ था।
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