विश्व

मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें, चुनाव प्रक्रिया पर पश्चिमी देशों ने उठाए सवाल

Subhi
27 May 2021 1:31 AM GMT
मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें, चुनाव प्रक्रिया पर पश्चिमी देशों ने उठाए सवाल
x
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद को सात साल का चौथा कार्यकाल देने के लिए मतदान प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद को सात साल का चौथा कार्यकाल देने के लिए मतदान प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सीरियाई टीवी पर मतदान केंद्रों पर लोगों की लंबी कतारें दिखाई गईं। जबकि अमेरिका समेत ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और इटली ने राष्ट्रपति पद के लिए इस चुनाव को न तो स्वतंत्र बताया और न ही निष्पक्ष कहा। पश्चिमी देशों का दावा है कि ये चुनाव एक धोखा हैं और इनमें असद की जीत पक्की है।

पश्चिमी देशों के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान में कहा, हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 में निर्धारित ढांचे के बाहर चुनाव कराने के असद सरकार के फैसले की निंदा करते हैं। हम नागरिक समाज संगठनों, सीरियाई विपक्षी दल और सभी सीरियाई लोगों की आवाज का समर्थन करते हैं। विपक्षी दलों ने भी चुनाव प्रक्रिया को अवैध बताते हुए इसकी निंदा की है। इन देशों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर उच्च स्तर की पारदर्शिता और जवाबदेही तय करने के लिए जरूरी है कि ये चुनाव संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में हों। संयुक्त बयान में कहा गया कि हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मानवाधिकारों के हनन को खत्म करने की असद शासन की कोशिशों को बिना शर्त खारिज करने का आह्वान करते हैं। यहां चुनाव मैदान में असद के अलावा अरब मानवाधिकार संगठन प्रमुख मुहम्मद मैरी और पूर्व मंत्री अब्दुल्ला सलौम उम्मीदवार हैं।

शरणार्थियों को वोटिंग का अधिकार नहीं
सीरिया में बुधवार को शुरू हुए राष्ट्रपति चुनाव में देश के बाहर रहने वाले सीरियाई शरणार्थियों समेत सभी लोगों को मतदान प्रक्रिया में भाग लेने से रोका गया है। अभी सीरियाई कानून के तहत विदेश में रहने वाले सिर्फ वही नागरिक मतदान कर सकते हैं जो आधिकारिक मुहर लगे स्वीकृत सीरियाई पासपोर्ट पर देश से बाहर गए हैं। इसके तहत गृहयुद्ध के कारण देश छोड़कर भागे सीरियाई लोगों को वोट देने का अधिकार नहीं है।
असद की मदद कर रहा रूस
सीरिया 2011के बाद से गृहयुद्ध में उलझा हुआ है, जिसमें रूस मददगार रहा है। लोकतंत्र समर्थक समूहों के गठबंधन के बाद से असद की सेना जिहादी गुटों से युद्ध लड़ रही है। शुरू में विद्रोही गुटों ने अलेप्पों और होम्स शहर पर कब्जा कर लिया, लेकिन रूस की मदद से असद की सेना ने अधिकांश इलाकों पर फिर से कब्जा जमा लिया। हिंसा और लड़ाई में अब तक हजारों सीरियाई मारे गए हैं, जबकि लाखों विस्थापित हैं।

Next Story